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मांगे पूरी नहीं किये जाने पर आईजीएमसी के डॉक्टर सामूहिक रूप से लेंगे अवकाश, मरीजों को होगी परेशानी

• LAST UPDATED : September 30, 2022

इंडिया न्यूज, शिमला, (When Demands Are Not Met)। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) के डाक्टरों की मांगे पूरी नहीं किए जाने पर सामूहिक रूप से अवकाश लेकर छुट्टी पर चले जाएंगे। जिससे आईजीएमसी में उपचार करवाने आने वाले मरीजों को दुबारा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

मिली सूचना के अनुसार मांगें पूरी न होने से नाराज अस्पताल के 250 चिकित्सक 4 अक्तूबर से सामूहिक छुट्टी लेंगे। यह जानकारी आईजीएमसी सेमडिकोट के अध्यक्ष डॉ. राजेश सूद ने दी है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी चिकित्सक हड़ताल कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस बारे में गुरुवार को सरकार और आईजीएमसी के प्राचार्य डॉ. सीता ठाकुर को जानकारी दे दी गई है।

डाक्टरों के अवकाश पर चले जाने से नहीं मिल सकेगा मरीजों को चिकित्सा

आईजीएमसी में पूरे प्रदेश भर से मरीज रेफर किए जाते हैं। ऐसे में डॉक्टर के सामूहिक अवकाश पर चले जाने से मरीजों का इलाज नहीं हो पाएगा। इतना ही नहीं वार्डों में भर्ती मरीजों को भी काफी दिक्कतें आएगी। अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार से चिकित्सक विरोध स्वरूप काले बिल्ले लगाकर अस्पताल में काम करेंगे।

रोजाना ओपीडी में 3000 से अधिक आते हैं मरीज

मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में रोजाना 3,000 से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं। इसमें 100 से अधिक मरीज इमरजेंसी में उपचार करवाने आते हैं। इतने ही नए मरीज प्रत्येक दिन अस्पताल में भर्ती किए जाते हैं।

ऐसे में जूनियर डॉक्टरों के कंधों पर कार्यभार होने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।हालांकि इस मामले में स्टेट एसोसिएशन आॅफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स (सेमडिकोट) के उपाध्यक्ष डॉ. रामलाल, महासचिव डॉ. जीके वर्मा, सहसचिव डॉ. विनय सोम्या ने बताया अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।

डाक्टर अकादमिक भत्ता न मिलने से है नाराज

When Demands Are Not Met

अकादमिक भत्ता न मिलने से डाक्टर नाराज है। इस मामले में सेमडिकोट के अध्यक्ष डॉ. राजेश सूद ने बताया कि सरकार ने पैरेफ्री में काम करने वाले स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का अकादमिक भत्ता 7,500 से 18,000 रुपये कर दिया है। इसका वह स्वागत करते हैं लेकिन मेडिकल कॉलेजों में काम करने वाले चिकित्सकों को अभी तक यह भत्ता नहीं दिया जा रहा है। सरकार ने कमेटी बनाई थी लेकिन उसने कोई काम नहीं किया।

इसे लेकर चिकित्सकों में काफी असंतोष है। इसके अलावा सेमडिकोट के कार्यकारी डॉ. योगेश दीवान, डॉ. दिव्या वशिष्ठ, डॉ. मंजीत कुमार, डॉ. अरुण चौहान ने रेगुलर टाइम बांड प्रमोशन की मांग भी पूरी नहीं हो पाई है। आईजीएमसी से अन्य मेडिकल कॉलेज के लिए अस्थायी तौर पर चिकित्सकों को भेजने का सिलसिला बंद करने एवं इस समस्या के समाधान के लिए डॉक्टरों की नई भर्तियां करने की भी मांग है।

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