इंडिया न्यूज, शिमला, (Within A Week In Himachal) : हिमाचल में एक सप्ताह के भीतर विधानसभा चुनाव 2022 का ऐलान होने वाला है। चुनाव को लेकर विपक्षी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी हैं या तैयारी में हैं, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा मिशन रिपीट के लिए विपक्षी दलों में तोड़फोड़ करने में लगी है। यानी सत्ता के लिए कांग्रेस विधायकों और नेताओं को अपने खेमे में शामिल करने के लिए भरसक प्रयास में लगी हुई हैं। भाजपा को बेहतर सफलता दिलाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कल दो दिन के लिए हिमाचल दौरे पर आ रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो इस दौरान कांग्रेस में बड़े स्तर पर तोड़फोड़ करके अपने पक्ष में सियासी माहौल बनाने का प्रयास किया जाएगा। राजनीति के पंडितों की मानें तो कांग्रेस नेताओं की तोड़फोड़ से भाजपा में गुटबाजी बढ़ रही है, लेकिन पार्टी को इससे मनो-वैज्ञानिक बढ़त मिल रही है, जो कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने और चुनाव में जीत के लिए जरूरी होती है।
जेपी नड्डा कल और परसो कांगड़ा, बिलासपुर और मंडी में चुनावी रणनीति बनाएंगे। सूत्रों के अनुसार हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए हर्ष महाजन अब मिशन रिपीट के लिए पूरी तरह तैयार हैं। दो रोज पहले हर्ष ने गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि पार्टी ने उन्हें तोड़फोड़ का टारगेट दिया है।
भाजपा का आम कार्यकर्ता पूरे जोश और उत्साह से धरातल पर काम कर रहा है और बड़े नेता 4 माह से मिशन सत्ता की सफलता में जुटा हुआ है। यही वजह कि भाजपा ने अब तक टिकट तय नहीं किया है। यह भाजपा की रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा है। हालांकि यह भी निश्चित है कि जहां-जहां कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हुए हैं, वहां पर बगावती सुर तेज हुए हैं।
गौरतलब है कि भाजपा अभी भी कांगड़ा, हमीरपुर, सिरमौर और शिमला जिला के कुछ नेताओं को अपने खेमे में जोड़ने की पूरी कोशिश कर रही है। पार्टी को इसमें कितनी कामयाबी मिलेगी यह आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन अब तक की तोड़फोड़ से भाजपा के कार्यकर्ता काफी उत्साहित हैं।
भाजपा ने महाराष्ट्र व गोवा में आपरेशन लोटस की तर्ज पर हिमाचल में मिशन रिपीट चला रखा है। जिसका परिणाम यह हुआ कि पहले दो निर्दलीय देहरा से होशियार सिंह और जोगेंद्रनगर से प्रकाश राणा ने भाजपा का हाथ थामा। इसके बाद कांग्रेस के दो विधायक नालागढ़ से लखविंद्र राणा और ज्वाली विधायक एवं कांग्रेस के पूर्व वर्किंग प्रेसिडेंट पवन काजल भाजपा का दामन थामा।
इसके पश्चात स्व. वीरभद्र सिंह के सबसे करीबी एवं रणनीतिकार रहे पूर्व मंत्री हर्ष महाजन कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है। उधर, बिलासपुर में पूर्व सांसद सुरेश चंदेल ने भाजपा में शामिल होकर कांग्रेस को झटका दिया, जबकि कांग्रेस उन्हें टिकट देने की तैयारी कर रही थी। अब पूर्व केंद्रीय मंत्री सुख राम शर्मा के पोते एवं कांग्रेस महासचिव आश्रय शर्मा भी जल्द भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले हैं।
दूसरी ओर, इसे भी मिशन रिपीट की ही कामयाबी माना जा रहा है कि पूर्व मंत्री अनिल शर्मा तीन साल से जयराम सरकार की जबरदस्त ढंग से आलोचना करते रहे और उनके कांग्रेस में आने की पूरी संभावनाएं थीं, लेकिन चुनावी बेला में अनिल शर्मा ने भी भाजपा के साथ ही आगे बढ़ने का ऐलान कर डाला।
उधर, जुब्बल कोटखाई में पूर्व मंत्री स्वं. नरेंद्र बरागटा के पुत्र चेतन बरागटा को भाजपा ने बगावत करने पर 6 साल के लिए निष्कासित किया था, लेकिन पार्टी ने अपना निर्णय पलटते हुए दुबारा चेतन बरागटा सहित 10 से ज्यादा निष्कासित नेताओं की पार्टी में वापसी कराई है। यह मिशन रिपीट की सफलता मानी जी रही है।
वहीं विपक्ष अब तक भाजपा के मिशन रिपीट को समझ नहीं पा रही है। हर्ष महाजन के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस जरूर सत्तारूढ़ भाजपा पर विपक्षी दलों में तोड़फोड़ करने का आरोप लगा रही है। वहीं इस मामले में विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस के विधायकों की खरीद फरोख्त के लिए 500 करोड़ का बजट रखा है।
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