इंडिया न्यूज, पालमपुर (Palampur-Dharamshala)
चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में शुक्रवार को खरीफ चारा दिवस मनाया गया। कुलपति प्रोफेसर एच0 के0 चौधरी ने किसानों, डेयरी पेशेवरों, छात्रों, कृषि अधिकारियों और वैज्ञानिकों को अपने संदेश में उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के महत्व और आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य के कृषक समुदाय की आजीविका और पोषण सुरक्षा में सुधार के लिए अन्य डेयरी उत्पाद पर कार्य करें।
उन्होंने प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ-साथ विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ निकट संपर्क रखने के लिए भी प्रोत्साहित किया, ताकि मूल्यवान चारा संसाधनों का उचित उपयोग किया जा सके और उनके पशुधन की उत्पादकता बढ़ाई जा सके। उन्होंने राज्य में उन्नत चारा किस्मों को पेश करने के लिए वैज्ञानिकों की सराहना की।
डॉ. जी.सी.नेगी पशु चिकित्सा एवम पशु विज्ञान महाविद्यालय के डीन डॉ. मंदीप शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि किसानों से कहा कि वे अपने खेतों में गुणवत्ता वाली घास और फोल्डर लगाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन लें। उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि विश्वविद्यालय में बहुत सारे शोध कार्य किए गए हैं, लेकिन चारे की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी के वास्तविक उपयोगकर्ताओं तक इसे प्रसारित करने की आवश्यकता है।
अनुसंधान निदेशक डॉ0 एस0 पी0 दीक्षित ने प्रदेश में चारा उत्पादन बढ़ाने का आह्वान किया। सस्य विज्ञान के अध्यक्ष डाक्टर नवीन कुमार ने हिमाचल प्रदेश के चारा संसाधन प्रबंधन का अवलोकन करने के अलावा प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय में की जाने वाली अनुसंधान गतिविधियों से अवगत कराया। इस दौरान एक तकनीकी सत्र का भी आयोजन किया गया जिसमें विशेषज्ञों ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए किसानों से बातचीत की। साथ ही किसानों के लिए चारा फार्म का एक फील्ड विजिट भी आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले 70 किसानों को खनिज मिश्रण और अन्य इनपुट भी प्रदान किए गए।