इंडिया न्यूज, केलंग (लाहौल व स्पीति)(Keylong-Lahul & Spiti)
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड (National Handloom Development Corporation Limited) (भारत सरकार का उपक्रम, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार) शम्शी कुल्लू तथा विकास आयुक्त (हथकरघा), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार (Development Commissioner (Handlooms), Ministry of Textiles, Government of India) के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को लाहौल के तांदी सराय में लाहौल के बुनकरों (weavers) के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें तहसीलदार केलंग नरेन्द्र कुमार (Tehsildar Keylang Narendra Kumar) ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
नरेन्द्र कुमार नेे बुनकर तथा स्वयं सहायता समूह (self help group) की महिलाओं को राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम तथा प्रदेष सरकार के उद्योग विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड के सहायक प्रबन्धक वाणिज्य एस0 एस0 शिंदे (Assistant Manager Commerce SS Shinde) ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा विभाग द्वारा बुनकरों के हितों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि विकास आयुक्त हथकरघा, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 15 प्रतिशत हैंक यार्न सब्सिडी योजना के अन्तर्गत एनएचडीसी द्वारा व्यक्तिगत हथकरघा बुनकरों/हथकरघा समितियों/स्वयं सहायता समूह/संयुक्त देयता समूह/हथकरघा उद्यमी/हथकरघा वस्त्र निर्माता कम्पनी को भारतीय रेशम, सूती धागे, ऊनी धागे तथा लिनेन धागों की आपूर्ति पर 15 प्रतिशत छूट, भुगतान के सापेक्ष संचालित कराई जा रही हैं एवं सब्सिडी का भुगतान प्रत्यक्ष लाभ हस्तान्तरण द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि डिजिटल क्रांति में भागीदारी के लिए हथकरघा बुनकरों की सहायता हेतु ई-धागा (e-dhaga) एनएचडीसी मोबाइल एप्लीकेशन ऐप (app) शुुरू की गई है। उन्होंने कहा कि ई-धागा ऐप गूगल प्ले स्टोर (google play store) पर उपलब्ध है और इसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस ऐप से कोई भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देष्य (main objective) बुनकरों को यार्न पासबुक (yarn passbook) खोलने के बारे में सूचित करना है ताकि बुनकर कारखाने (industry) की दर पर यार्न खरीद सकें। उन्होंने कहा कि बुनकरों को बाजार में अलग-अलग दरों पर सूत (yarn) खरीदना पड़ता है। दर हमेशा उच्च होती है और कोई गुणवत्ता नहीं होती है, लेकिन यार्न पासबुक के माध्यम से बुनकर एनएचडीसीएल (NHDCL) द्वारा सीधे आपूर्ति के माध्यम से कारखाने की दर पर यार्न खरीद सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर बुनकर यार्न पासबुक के साथ यार्न खरीदते हैं तो उन्हें दोहरा लाभ मिल रहा है। उन्हें सीधे फैक्ट्री रेट पर कच्चा माल प्राप्त हो रहा है।
इस दौरान बुनकर सेवा केन्द्र, कुल्लू के टेक्सटाइल डिजाइनर किरण कुमार हंसदा (Textile Designer Kiran Kumar Hansda of Weavers Service Centre, Kullu) ने विभाग द्वारा बुनकरों के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
महाप्रबन्धक उद्योग छिम्मे अंगमों तथा प्रबन्धक उद्योग विभाग राजेश कुमार ने प्रदेश सरकार द्वारा उद्योग विभाग के माध्यम से लोगों के कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेष के स्थाई निवासी युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना चलाई गई हैं उन्होंने सभी से इन योजनाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया।
इस अवसर पर विभिन्न बुनकरों ने अपने विचार सांझा किये।
इस अवसर पर महाप्रबन्धक उद्योग छिम्मे अंगमों, प्रबन्धक उद्योग विभाग सहित बड़ी संख्या में महिला बुनकर मौजूद थीं।