India News(इंडिया न्यूज़) Dharm: हमारे शास्त्रों में हमारे लगभग सभी सवालों से जवाब प्राप्त हो जाते है। शास्त्रों भी दो तरह के होते है। एक है वस्तु शास्त्र और दूसरा है समुद्र शास्त्र। समुद्र शास्त्र में हस्त रेखा के बारे में कहा गया है। हमारे हथेलियों पर कई प्रकार की रेखाए होती है, मान्यता है कि एक-एक रेखा का महत्व अलग- अलग होता है। रेखाओं के माध्यम से इसके जानकार लोगों के भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेते है और उसी के अनुसार व्यक्ति को निर्णय लेने के लिए कहते है। हथेली की रेखाओं को उनके महत्व के अनुसार अलग-अलग नाम दिए गए है। इसमें जीवन रेखा, भाग्य रेखा, मस्तिस रेखा और हृदय रेखा आदि कहा जाता है। इसी में कई ऐसी रेखा होती है जो आखरी में जाकर दो भागों में बट जाती है। जिनका अर्थ भी अलग-अलग होता है। वहीं अगर हृदय रेखा आखरी में जाकर दो भागों में बट जाती है तो उस रेखा को विष्णु रेखा कहा जाता है। दो भागों में बटी हुई गुरूपर्वत की तरह चली जाती हैं।
माना जाता है कि हृदय रेखा में विष्णुरेखा का होना एक बहुत भग्यशाली चिन्ह है। ऐसी रेखा वाले जातकों के पास भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का कृपा बनी रहती है। वहीं अगर किसी जातक के हाथ में विष्णु रेखा हो और वो अपने द्वारा कुछ भी गलत काम कर रहा है तो जातकों को हमेशा ही अधिक उलटें और गलत परिणाम प्राप्त होते है। इसलिए ऐसी मान्यता है कि विष्णु रेखा वाले जातक को हमेशा झूठ बोलने, गलत बोलने, लालच में आकर काम करने और किसी से ईर्ष्या रखने से हमेंशा बचना चहिए। वहीं अगर ऐसे जातक अगर दिल के साफ है तो उनके उपर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का कृपा बनी रहती है।
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