India News (इंडिया न्यूज़), Hanuman Ji: भगवान श्री राम के महान भक्त हनुमान जी को बल, बुद्धि और ज्ञान प्रदान करने वाला देवता माना जाता है। मंगलवार का दिन पवनपुत्र भगवान हनुमान को समर्पित है। कहा जाता है कि हनुमान जी बहुत जल्दी प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं। मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है और उन्हें चोला चढ़ाया जाता है। मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा के बाद अमृतवाणी और श्री हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि हनुमान जी बहुत बलशाली हैं, उनका शरीर वज्र के समान है, इसलिए उन्हें बजरंगबली कहा जाता है।
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महाबली हनुमान जी को कई नामों से पुकारा और पूजा जाता है। उन्हें बजरंगबली, संकटमोचन, हनुमान जी, अंजनी सुत और वायु पुत्र जैसे कई नामों से जाना जाता है, लेकिन आज हम आपको हनुमान जी को बजरंगबली कहने के पीछे का रहस्य बताएंगे। पढ़ें हनुमान जी को बजरंगबली कहे जाने से जुड़ी पौराणिक कथा।कोई हनुमानजी को संकटमोचन के रूप में वानर रूप में पूजता है, तो कोई उन्हें अपने काम को संवारने के लिए याद करता है। भगवान श्रीराम के प्रिय और रूद्र अवतार हनुमान की वीरता का उल्लेख शास्त्रों में भी मिलता है। रामायण के अनुसार हनुमान जी का एक नाम बजरंगबली भी है, यह नाम उनके पिता केसरी जी ने दिया था।
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हनुमानजी के कई लोकप्रिय नाम हैं, जिनमें से वे बजरंगबली के नाम से सबसे प्रसिद्ध हैं। उन्हें पवनपुत्र के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार इनका शरीर वज्र के समान है इसलिए इन्हें बजरंगबली कहा जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब हनुमान जी छोटे थे तो वे बहुत शरारती थे। ऐसे में एक बार खेलते-खेलते उन्होंने सूर्य देव को मुंह में ले लिया, जिससे चारों ओर अंधेरा फैल गया. इसकी खबर मिलते ही क्रोधित देवराज इंद्र ने हनुमान जी की ठुड्डी पर वज्र से प्रहार किया, जिससे वह टूट गयी। आपको बता दें कि ठोड़ी को संस्कृत में हनु भी कहा जाता है। इसके बाद बजरंगबली का नाम हनुमान रखा गया।
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