Shiva Avatar: भोलेनाथ के ये अवतार है आज भी जीवित! जानें इनकी कहानी

India News(इंडिया न्यूज़), Shiva Avatar: धरती पर जब-जब अधर्म बढ़ा है भगवान शिव ने अपने किसी न किसी अवतर में जन्म ले उसका अंत किया है। कालों के काल- महाकाल ने सदैव ही अधर्म का अंत कर धर्म की रक्षा की है। भोले शंभू त्रिदेवों में से एक है। शिवजी को हम तंत्र मंत्र का अधिष्ठरी देवता भी मानते हैं। भगवान शिव ने हर बार जरुरत आने पर असुरों का संहार किया है। वहीं शिव शंभू को देवताओं का अभिमान तोड़ने के लिए भी जाना गया है।

हिंदू धर्म ग्रंथों और शास्त्रों के मुताबिक शिव जी के 19 अवतार हैं-

1. वीरभद्र अवतार
2. पिप्पलाद अवतार
3. नंदी अवतार
4. भैरव अवतार
5. अश्वत्थामा अवतार
6. शरभावतार
7. ग्रह पति अवतार
8. ऋषि दुर्वासा अवतार
9. हनुमान
10. वृषभ अवतार
11. यतिनाथ अवतार
12. कृष्णदर्शन अवतार
13. अवधूत अवतार
14. भिक्षुवर्य अवतार
15. सुरेश्वर अवतार
16. किरात अवतार
17. ब्रह्मचारी अवतार
18. सुनटनर्तक अवतार
19. यक्ष अवतार

ऐसा माना जाता है कि शिव जी के इन 19 अवतारों में से दो अवतार आज भी जीवित है।

आईए जानते हैं कौन से हैं वह देवता है-

अश्वत्थामा- भगवान शिव के पांचवे अवतार का नाम अश्वत्थामा था। भोलेनाथ ने अपने इस अवतार में गुरु द्रोणाचार्य के घर उनके पुत्र के रूप मेंजन्म लिया था। द्रोणाचार्य द्वारा भगवान शिव को पुत्र के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की गई थी। वहीं भोलेनाथ ने उनसे प्रसन्न हो, उनके पुत्र के रूप में जन्म लिया। इसके बाद अश्वत्थामा को भी अमरता का वरदान मिला था। ऐसा कहा जाता है कि वह आज भी धरती पर विचरण कर रहे हैं।

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हनुमान जी भोलेनाथ का सबसे प्रसिद्ध रूप है। हनुमान जी के अवतार में उन्होंने बड़ी ही रोचक कहानी रची थी। पौराणिक कथाओं के मुताबिक जब एक बार देवताओं और दानवों के बीच विष्णु जी के मोहिनी रूप में अमृत बनाया जा रहा था। तब भगवान भोलेनाथ मोहिनी रूप को देख कर अपने आप को रोक नहीं पाए तथा उनका वीर्य निकल गया। इसके बाद सप्तऋषि द्वारा भोलेनाथ जी के वीर्य को कुछ पत्तों पर इकट्ठा कर लिया गया। जिसके बाद वक्त आने पर इसी वीर्य को उन्होंने वानर राज केसरी की पत्नी अंजनी के गर्भ में उनके कान के माध्यम स्थापित किया।

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इसी प्रकार महापराक्रमीस, महाबलशाली एवं राम भक्त हनुमान का जन्म हुआ था। माना जाता है कि भगवान हनुमान को हजार से भी अधिक हाथी का बल प्राप्त था। इसी के साथ उन्हें भूत-प्रेत का काल में संकट मोचन माना गया है। ग्रंथों के अनुसार भगवान हनुमान की भक्ति देखकर माता सीता ने उन्हें अमरता का वरदान दिया था। जिस कारण यह माना गया है कि वे आज भी जीवित है।

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