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SMC Teacher Protest: नियमितीकरण मांग के लिए सचिवालय के सामने कर रहे धरना प्रदर्शन, सड़क पर बिछाए गद्दे

• LAST UPDATED : October 4, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), SMC Teacher Protest, Himachal: हिमाचल प्रदेश के राज्य सचिवालय के सामने सैकड़ो एसएमसी शिक्षकों द्वारा नियमितीकरण मांगा। इन शिक्षकों द्वारा सुबह से देर शाम तक शांति से धरना प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में उन्होंने सीएम सुक्खू से मिलने की मांग करी। परंतु वहां इंतजार कर रहेे शिक्षकों से मिलने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर पहुंचे। जिनसे मुलाकात के दौरान शिक्षकों ने उनके द्वारा दिए गए आश्र्वासन पर असंतोष जताया। उन्होंने सीएम से मुलाकात करने के अपने हट को नहीं छोड़ा। जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने उन्हें वहां से हटने को कहा। तब शिक्ष कों द्वारा हल्की नारे बाजी करी गई। रात 11 बजे पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष और नगरोटा के विधायक रघुवीर सिंह बाली ने भी शिक्षकों से मुलाकात कर उनकी बात सीएम तक पहुंचाने का वादा किया गया।

दीपावली तक के नियमितीकरण की रखी मांग

एसएमसी आधार पर सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों ने मंगलवार को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मुलाकात कर दीपावली तक नियमितीकरण मांगा। एसएमसी शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री से 12 वर्ष की सेवाएं पूरी कर चुके शिक्षकों को जल्द नियमित करने की मांग उठाई। उन्होंने चुनाव से पहले कांग्रेस के घोषणापत्र की भी याद दिलाई, जिसमें उन्हें नियमित करने की बात है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि एसएमसी के मामले को देखने के लिए कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी की मंगलवार को पहली बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन किन्हीं कारणों से बैठक नहीं हो सकी। जल्द ही बैठक कर शिक्षकों को राहत देने के लिए योजना बनाई जाएगी।

मुलाकात न होने पर आया रोष 

उधर, मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं होने के चलते शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त रहा। मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव के कार्यालय से इन्हें बताया गया कि सीएम इनसे पांच बजे मुलाकात करेंगे, लेकिन इसके बावजूद मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाने पर यह शिक्षक व्यथित नजर आए। इनका कहना था कि उन्हें अन्य शिक्षकों की तर्ज पर समयबद्ध नियमितीकरण किया जाए। शिक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद पुलिस ने शिक्षकों को सचिवालय से हटाकर छोटा शिमला बस स्टॉप के पास भेज दिया।

शिक्षकों को राहत देने का किया आग्रह

शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा और प्रवक्ता निर्मल ठाकुर ने कहा कि पूर्व की सरकारों से उन्हें अभी तक मात्र आश्वासन ही मिला है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने सितंबर तक नीति बनाने की बात कही थी। इसी कड़ी में मंगलवार को मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें शिक्षकों को राहत देने का आग्रह किया। शिक्षकों ने कहा कि वे घरों से दूर सेवाएं दे रहे हैं। मेरिट के आधार पर उनकी नियुक्तियां हुई हैं। दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों के ऐसे स्कूलों में वे सेवाएं दे रहे हैं। जहां जाने से नियमित शिक्षक गुरेज करते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों के कई पद रिक्त पड़े हैं। इन शिक्षकों में चंबा, लाहौल स्पीति, किन्नौर समेत दूरदराज के क्षेत्रों से शिक्षक आए।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के आश्वासन से असंतोष जताते हुए कुछ महिला शिक्षक तो रोने-बिलखने तक लगीं। दो महिला शिक्षक आंखों में आंसू लिए बोलीं- वे कब नियमित होंगी और उन्हें कब ओपीएस मिलेगा। उन्होंने कहा कि नियमित न होने की वजह से उन्हें न तो अन्य कर्मियों की तरह छुट्टियां ही मिलती हैं और न ही अन्य लाभ ही मिल रहे हैं।

सड़क पर बिछाए गद्दे

एसएमसी शिक्षकों ने सचिवालय के पास सड़क पर ही गद्दे बिछा दिए। उनका कहना था कि प्रशासन ने कहा था कि रात को ठहरने का प्रबंध किया जाएगा और खाने का भी। पर यहां कोई नहीं आया। गद्दे शिक्षक खुद लाए हैं।  रात 11 बजे पर्यटन विकास बोर्ड के अध्यक्ष रघुवीर सिंह बाली इनसे मिलने गए तो उन्होंने बताया कि सीएम से वह बात करेंगे। उनकी तबीयत शायद ठीक नहीं थी। इस पर शिक्षक बोले कि वे सीएम से मिलकर ही यहां से जाएंगे। शिक्षकों ने रघुवीर सिंह बाली ज़िंदाबाद के नारे भी लगाए। बाली ने कहा कि वह क्या शिक्षकों के लिए खाने का प्रबंध करें। इस पर एक महिला शिक्षक ने कहा कि सुबह से किसी ने खाना नहीं खाया है। ऐसे में कोई खाना क्यों खाएगा। वह अपना छोटा-सा बच्चा घर में छोड़कर आई है। पता नहीं, कितनी महिलाओं ने छोटे बच्चे घर में छोड़े हैं। आज सड़क पर हैं। सीएम उनसे मिलकर बात तो कर सकते थे। शिक्षक तो आपदा राहत के लिए आर्थिक मदद करना चाह रहे थे और अपनी यह मांग उठाना चाह रहे थे।

 

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