India News (इंडिया न्यूज़), Success, Himachal: हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर है। अब ऐसे इलाकों में भी धान की फसल लहलहाएगी, जहां कृषि बारिश पर निर्भर है। यानी इस फसल के लिए अब ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। धान लगाने के लिए न तो किसानों को पनीरी तैयार करनी पड़ेगी और न ही गादयुक्त पानी में रोपने की जरूरत होगी। यह फसल बिजाई करने से ही खेतों में तैयार हो जाएगी। प्रायोगिक तौर पर इसका ट्रायल लगभग सफल हो चुका है। सब ठीक रहा तो अगले साल से ही किसानों को इस फसल के तैयार होने के बाद बीज बाटें जाएगा।
कृषि विभाग द्वारा धान की पैदावार बढ़ाने तथा असिंचित क्षेत्रों में इस फसल को तैयार करने मसकद से विभिन्न किस्मों के बीजों की पांवटा साहिब उपमंडल के भगाणी स्थित फार्म में बिजाई की गई, अब फसल लहलहाने लगी है। यहां करीब 1.5 हेक्टेयर में से 5 बीघा रकबे पर कस्तूरी, 5 बीघा पर एचपीआर 2143, 6 बीघा पर एचपीआर 2656 और तीन बीघा पर टनाटन बासमती की बिजाई की गई है। कृषि विभाग को इसके अच्छे परिणाम भी मिलने लगे हैं। बता दें कि सिरमौर की पांवटा साहिब वैली के साथ जिले के अन्य हिस्सों समेत जिला कांगड़ा, शिमला, कुल्लू, चंबा आदि जिलों में भारी मात्रा में धान की पैदावार होती है। अकेले सिरमौर में 8 हेक्टेयर रकबे पर इसका उत्पादन किया जा रहा है।
भगानी स्थित फार्म पर विभाग ने 1.5 हेक्टेयर में बिजाई से धान की चार किस्में तैयार की हैं। इसमें अलग से पनीरी तैयार करने की आवश्यकता नहीं है। एक बार बिजाई के बाद ही फसल तैयार होगी। आने वाले समय में इसका बीज किसानों को बांटा जाएगा। – डाॅ. राजेंद्र सिंह ठाकुर, उपनिदेशक कृषि विभाग, सिरमौर
ये भी पढे़-