India News (इंडिया न्यूज़), WFI: महिला पहलवानों के कथित तौर पर WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाने के बाद WFI एक चर्चा का विषय बन गया था। परंतु अब सरकार ने इसमामले पर एक बड़ा एक्शन लिया है। सरकार द्वारा WFI को सस्पेंड करने का फैसला लिया गया। जिसका अर्थ है कि WFI के अध्यक्ष भी सस्पेंड हो गए है। इसके साथ ही उनके लिए गए सारे फैसले भी रद्द कर दिए गए है।
वहीं पहलवानों के बीच चल रही इस कुश्ती में आज WFI को सस्पेंड करते हुए सरकार द्वारा सबसे अच्छा दांव खेला गया।खेल मंत्रालय द्वारा WFI को सस्पेंड करते हुए संजय सिंह के लिए गए सभी फैसलों पर रोक लगाई गई। इसके साथ ही अगले आने वाले आदेश तक सभी एक्टिविटीज को भी रोक दी गई।
जानकारी दें दे कि WFI के चुनावों की वोटिंग 21 दिसंबर को नई दिल्ली में हुई थी। वोटिंग के खत्म होने के बाद गिनती की गई थी। उस गिनती में नए अध्यक्ष संजय सिंह द्वारा अनीता श्योराण को 7 के मुकाबले 40 वोटों से हराया। इसके सिवाय संजय WFI की पिछली कार्यकारी परिषद का भी हिस्सा रहे है। हालंकि 2019 से राष्ट्रीय महासंघों के संयुक्त सचिव भी रहे।
सामने आ रहे खेल मंत्रालय के बयान में उन्होंने कहा कि WFI के नवनिर्वाचित कार्यकारी निकाय ने जितने भी फैसले लिए है वे सभी WFI के प्रावधानों एवं नेशनल स्पोर्ट्स डेवलेपमेंट कोड के खिलाफ है तथा संघ के नियमों का उल्लंघन करने वाले है। ऐसे निर्णय कार्यकारी समिति द्वारा जब लिए जाते हैं, तो उनके समक्ष एजेंडे को विचार करने के लिए रखा जाना जरूरी है। इन निर्णयों को लेने से नए अध्यक्ष की मनमानी सामने नजर आ रही है। जो की सिद्धांतों के विरोध में है। एथलीटों, हितधारकों के साथ-साथ जनता के बीच विश्वास बनाना एक अध्यक्ष की अहम जिम्मेदारपी होती है।
खेल मंत्रालय का कहना है की उन्हें ऐसा लग रहा है कि ये नया कुश्ती संघ खेल संहिता को पूरी तरह से अनदेखा कर रहा है। केवल इतना ही नहीं उनका यह भी मानना है की ये पूरी तरह से पुराने पदाधिकारीयों के नियंत्रण में हैं। जिनके खिलाफ यौन शोषण का आरोप भी लगाया गया था। इतना ही नहीं मंत्रालय का भी कहना है कि फेडरेशन का कामकाज पूर्व पदाधिकारियों ने अभी भी अपने नियंत्रण में लिया हुआ है और यह उनके द्वारा परिसर से चलाया जा रहा है।
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