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Farming: सेवानिवृत्ति फौजी का विचार आया काम, घर बैठे किसानों को हो रहा मुनाफा

• LAST UPDATED : November 9, 2023

India News(इंडिया न्यूज़), Farming: यदी आपको बेमौसमी मटर के दाम कहीं भी नहीं मिल रहे हैं तो पहुंच जाइए मंडी जिला के कुटाहची गांव। जी हां! मंडी जिला की बल्ह तहसील का कुटाहची गांव एक ऐसा गांव बन गया हैं, जहां बेमौसमी मटर के दाम हिमाचल की किसी भी सब्जी मंडी से अधिक मिल रहे हैं। इस छोटे से गांव में किसानों का बेमौसमी मटर 100 से लेकर 130 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। दूर-दूर से किसान इस गांव में उम्दा दाम मिलने से अपना मटर बेचने पहुंच रहे हैं।

यह सब गांव में फौज से सेवानिवृत्त फौजी किसान जीत कुमार की सोच से संभव हुआ है। सेना से सेवानिवृत्त किसान जीत कुमार ने गांव के सभी किसानों को परामर्श दिया कि वे अपना मटर गांव में खोले गए एक स्टोर में लाएं, जहां शाम को खुली बोली लगेगी और किसानों का उत्पाद अच्छे दामों पर बिकेगा। जब से यह क्रम शुरू हुआ तो कुटाहची गांव के किसानों के मटर को पूरे हिमाचल में सबसे ज्यादा दाम मिलना शुरू हुए।

पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ छोड़ इस गांव का मटर अब सीधा बंगलुरू निर्यात हो रहा है। यह सब गांव और कुछ स्थानीय व्यापारियों के माध्यम से हो रहा हैं। इससे किसानों को मटर के उम्दा दाम मिल रहे है। सब्जी मंडी में बिचौलियों की भूमिका निभाने वाले व्यापारियों और आढ़तियों को गांव के फौजी की इस सोच से सबक मिला है।

कुटाहची गांव के किसानों में हेम सिंह, हंस राज, पंकज ठाकुर, लीला प्रकाश, रितिक ठाकुर, यादविंदर कुमार, दिनेश कुमार, दीनू, धनी देवी, भीम सिंह, भोला राम, राजेश कुमार, हेमराज, अनिल, कश्मीर सिंह, शेर सिंह, हिमाचली देवी, कमला देवी और अन्य गांव वासियों ने बताया कि उन्हें बेमौसमी मटर के उम्दा दाम मिल रहे हैं। वहीं, एपीएमसी के सचिव राघव ने बताया कि किसानों को घर बैठे अगर अपने उत्पाद के उम्दा दाम मिल रहे हैं तो खुशी की बात है। कृषि विषय वाद विशेषज्ञ गोहर राजेश कुमार ने कहा कि यह गांव वासियों के अपने प्रयास हैं जो अन्य किसानों के लिए प्रेरणा देते हैं।

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