India News (इंडिया न्यूज़) Govardhan Pooja 2023: गोवर्धन पूजा अब नजदीक है। इस त्योहार को अन्नकूट के नाम से भी प्रचलित है। जानकारी के मुताबिक गोवर्धन पूजा के दिन गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन की प्रतिमा बनाई जाती है। साथ ही पूजा भी की जाती है। हिन्दु पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा इस बार 14 नवंबर को मनाया जाएगा।
क्यों लगाते हैं 56 भोग
मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने गोकुलवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत की शरण में ले गए थे। साथ ही भगवान कृष्ण ने 7 दिनों तक गोवर्धन को अपनी उंगलियों पर लेकर खड़े थे। इस दौरान गोकुलवासियों ने हर दिन श्री कृष्ण को 8 व्यंजनों का भोग लगाया था। जिसके अनुसार अनुसार, 7 दिनों में कुल 56 व्यंजनों का भोग लगाया गया था।
ये चीज होतीं है 56 भोग में शामिल
- भक्त (भात)
- सूप (दाल)
- प्रलेह (चटनी)
- सदिका (कढ़ी)
- दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी)
- सिखरिणी (सिखरन)
- अवलेह (शरबत)
- बालका (बाटी)
- इक्षु खेरिणी (मुरब्बा)
- त्रिकोण (शर्करा युक्त)
- बटक (बड़ा)
- मधु शीर्षक (मठरी)
- फेणिका (फेनी)
- परिष्टश्च (पूरी)
- शतपत्र (खजला)
- सधिद्रक (घेवर)
- चक्राम (मालपुआ)
- चिल्डिका (चोला)
- सुधाकुंडलिका (जलेबी)
- धृतपूर (मेसू)
- वायुपूर (रसगुल्ला)
- चन्द्रकला (पगी हुई)
- दधि (महारायता)
- स्थूली (थूली)
- कर्पूरनाड़ी (लौंगपूरी)
- खंड मंडल (खुरमा)
- गोधूम (दलिया)
- परिखा, सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त)
- दधिरूप (बिलसारू)
- मोदक (लड्डू)
- शाक (साग)
- सौधान (अधानौ अचार)
- मंडका (मोठ)
- पायस (खीर)
- दधि (दही)
- गोघृत (गाय का घी)
- हैयंगपीनम (मक्खन)
- मंडूरी (मलाई)
- कूपिका (रबड़ी)
- पर्पट (पापड़)
- शक्तिका (सीरा)
- लसिका (लस्सी)
- सुवत
- संघाय (मोहन)
- सुफला (सुपारी)
- सिता (इलायची)
- फल
- तांबूल
- मोहन भोग
- लवण
- कषाय
- मधुर
- तिक्त
- कटु
- अम्ल
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