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Haryana: ‘नेताओं के संरक्षण की वजह…….’, AAP प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील ने फिर साधा सरकार पर निशाना

• LAST UPDATED : February 4, 2024

India News(इंडिया न्यूज), Haryana: AAP के राज्य अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता द्वारा हरियाणा सहकारी विभाग की एकीकृत सहकारी परियोजना (ICDP) के करोड़ों रुपए के घोटाले को लेकर खट्टर सरकार पर निशाना साधा गया। उनका कहना है कि हरियाणा सरकार भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुकी है। हर दिन एक के बाद एक नए घोटाले सामने आ रहे हैं। पहले सीएजी की रिपोर्ट ने कई घोटालों का खुलासा किया। अब एक और हैरान करने वाला 500 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला हरियाणा सरकार के सहकारिता विभाग से सामने आ रहा है। जिसमें मंत्री एवं अफसर किसानों के लिए आई राशि को बांटकर खा गए।

उनका कहना है कि घोटाले में सौ करोड़ रुपए से अधिक की चोरी की पुष्टि हो चुकी है। परंतु ये मामला केवल सौ करोड़ रुपए का नहीं है, ये 500 करोड़ रुपए से भी अधिक का है। इसका अर्थ यह की पैसा कैसे गबन हुआ, कहां गया? उनका कहना है कि किसानों का पैसा हड़प कर करनाल, जीरकपुर और रेवाड़ी में लग्जरी अपार्टमेंट व फ्लैट खरीदे गए। उनका कहना है कि घोटाले की शिकायत सबसे पहले 2022 में रेवाड़ी में आई थी और उस शिकायत के चलते पूरे तंत्र को बचाने के लिए BJPसरकार लगी रही, अधिकारियों को बचाने व घोटाले को छुपाने की कोशिश की। जब अधिक प्रेशर पड़ा तो सीएस ने हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो को इसकी जांच सौंपी। लेकिन वह जांच केवल अधिकारियों तक सीमित होकर रह गई। उनका कहना है कि ठेकेदारों पर राजनीतिक हाथ होने की वजह से इनके खिलाफ न तो कभी मुख्यालय स्तर पर कार्रवाई की गई और न ही किसी ने इनके काम रोके।

उनका कहना है कि इस मामले में अधिकारियों और ठेकेदारों की चौंका देने वाली वॉट्सऐप चैट भी सामने आई। जिसमें घोटाले से लेकर रिश्वत तक का पूरा विवरण है। अफसर बता रहे हैं कि कैसे पैसा ऊपर तक जाता है। फिर भी कार्रवाई नहीं होती। सरकार की कोशिश है कि सारी चोरी का ठीकरा अफसरों पर फोड़ दिया जाए, ऊपर से दबाव के चलते एजेंसियां इस घोटाले में शामिल मास्टर माइंड तक पहुंच नहीं पा रही, केवल छोटी मछलियों को पकड़ा जा रहा है।

उनका कहना है कि बिना मंत्री के संरक्षण के अफसर इतनी बड़ी चोरी कैसे कर सकते हैं? AAP मांग करती है कि इस 500 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले में सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए और यह जांच ईडी व सीबीआई द्वारा की जानी चाहिए। उनका कहना है कि ईडी फर्जी केस की जांच में समय बर्बाद करने के बजाय हरियाणा में हुए इस भ्रष्टाचार की जांच करे।

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