होम / Himachal ED Raid: ईडी की नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला

Himachal ED Raid: ईडी की नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों रुपये के घोटाले का मामला

• LAST UPDATED : July 31, 2024

India News HP (इंडिया न्यूज), Himachal ED Raid: हिमाचल प्रदेश में 25 करोड़ रुपये के आयुष्मान भारत घोटाले के सिलसिले में कांग्रेस विधायक आरएस बाली के परिसरों पर ईडी द्वारा छापेमारी की गई है। ईडी ने आरोप लगाया है कि इस योजना के तहत फर्जी कार्ड बनाकर कई मेडिकल बिल तैयार किए गए, जिससे राज्य के खजाने को बड़ा नुकसान हुआ है। जांच के दौरान राज्य में 8,937 आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड रद्द किए गए हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में 19 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया, जिसमें शिमला, कांगड़ा, ऊना, मंडी और कुल्लू शामिल हैं। इसके अलावा दिल्ली, चंडीगढ़ और पंजाब में भी तलाशी ली गई।

RS Bali के घर छापेमारी

आरएस बाली, जो हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष भी हैं, के परिसरों पर भी छापेमारी की गई। अधिकारियों के अनुसार, बाली मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू के करीबी सहयोगी हैं। उन्होंने हाल ही में देहरा विधानसभा उपचुनाव के लिए सुखू की पत्नी कमलेश ठाकुर के लिए अपना टिकट छोड़ दिया था।

ये भी पढ़ें: Hydropower Project: हाइड्रोपावर परियोजना के दूसरे चरण को मिली मंजूरी, सीएम सुक्खू क्या बोले

इस मनी लॉन्ड्रिंग का मामला राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा जनवरी 2023 में दर्ज की गई प्राथमिकी से उपजा है। यह प्राथमिकी ऊना स्थित श्री बांके बिहारी अस्पताल और अन्य के खिलाफ फर्जी आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) कार्ड बनाने के आरोप में दर्ज की गई थी।

फर्जी कार्डों से कई अस्पताल ले रहे लाभ

ईडी के अनुसार, इन फर्जी कार्डों के माध्यम से कई अस्पतालों ने सरकार से अवैध लाभ लिया। इनमें बांके बिहारी अस्पताल, फोर्टिस अस्पताल, श्री बालाजी अस्पताल, सूद नर्सिंग होम और श्री हरिहर अस्पताल शामिल हैं। ईडी ने 373 फर्जी आयुष्मान कार्ड की पहचान की है और इन कार्डों के जरिए 40,68,150 रुपये की राशि का दावा किया गया है। जांच में पाया गया कि कई लाभार्थियों ने इन कार्डों के कब्जे या किसी भी जानकारी से इनकार किया है और उन्हें किसी भी अस्पताल में ऐसा कोई इलाज नहीं मिला है।

इसके अतिरिक्त, आरोपी अस्पतालों ने फर्जी उपचार, सर्जरी और भर्ती के दावे किए, जो वास्तव में कभी किए ही नहीं गए। रक्षा देवी के मामले में अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया गया और उनका पैकेज बेईमानी और अवैध रूप से रोका गया। इन अवैध गतिविधियों के कारण आरोपी अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना से बाहर कर दिया गया है।

ये भी पढ़ें: Mandi: सेब, नाशपाती व प्लम से भरी जीप हुई दुर्घटनाग्रस्त, तीन लोग घायल

SHARE
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox