India news (इंडिया न्यूज़), Ind vs China: भारत ने यह कभी नहीं सोचा था कि चीन कभी भारत पर हमला करेगा लेकिन पड़ोसी देश ने ऐसा किया। 20 अक्टूबर 1962 को भारत पर चीन ने हमला कर दिया जिसे भारत-चीन के बीच 1962 के युद्ध के रूप में जाना जाता है। भारत की सेना इस हमले के लिए तैयार नहीं थी नतीजा ये हुआ कि चीन के 80 हजार जवानों का मुकाबला करने के लिए भारत की ओर से मैदान में 10-20 हजार सैनिक थे। यह युद्ध पूरा 1 महीना चला जब तक कि 21 नवंबर 1962 को चीन ने युद्ध विराम की घोषणा नहीं कर दी थी।
आजादी के समय भारत और चीन के रिश्ते उतने कड़वे नहीं थे, जितने 1962 के बाद से हुए हैं। क्योंकि, उस समय अमेरिका ने पाकिस्तान का साथ दिया था, इसलिए भारत ने अपने पड़ोसी देश चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखने में ही भलाई समझी। बस यही कारण है कि जब चीन तिब्बत पर आक्रमण कर रहा था, तो भारत ने उसका विरोध नहीं किया। चीन के साथ भारत के रिश्ते तब खराब होने लगे, जब भारत ने 1959 में आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को शरण दे दी थी।
उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पंचशील समझौते के माध्यम से दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध स्थापित करने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हुए और दोनों देशों के बीच 1962 में युद्ध हो गया।
भारत को कभी अंदाजा भी नहीं था कि चीन भारत पर कभी हमला करेगा, लेकिन उसने हमला किया है। चीन ने 20 अक्टूबर, 1962 को भारत पर हमला किया गया था।
बता दें कि चीन द्वारा कभी भी हमला न करने के विश्वास ने भारतीय सेना को तैयार नहीं होने दिया और परिणाम 10,000-20,000 भारतीयों के बीच गतिरोध था। सैनिक और 80,000 चीनी सैनिक। युद्ध लगभग 1 महीने तक जारी रहा और 21 नवंबर को चीन द्वारा युद्धविराम की घोषणा के बाद समाप्त हुआ।
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