India News (इंडिया न्यूज़), International Kullu Dussehra: हिमाचल प्रदेश में हर साल भगवान रघुनाथ की अध्यक्षता में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में इस बार 200 किमी दूर से बाह्य सराज के देवता भी भाग लेंगे। सात दिनों के इस देव महाकुंभ में बाह्य सराज के 16 देवी-देवता भाग लेने वाले है। जिसके लिए देवता के कारकूनों, हरियानों तथा देवलुओं द्वारा तैयारियां तेज कर दी गई हैं। सफर लंबा होने की वजह से सभी देवता दशहरा के करीबन एक सप्ताह पूर्व 18 अक्तूबर को अपने देवालय से रवाना होंगे। कुल्लू दशहरा के लिए देव समाज बहुत उत्साहित है।
देवता खुडीजल के साथ ब्यास ऋषि, देवता कोट पझारी, टकरासी नाग, चोतरू नाग और बिशलू नाग लाव-लश्कर के साथ उत्सव की शोभा बढ़ाएंगे। इसके अलावा निरमंड क्षेत्र के देवता चंभू उर्टू, सप्तऋषि, देवता चंभू रंदल, देवता चंभू कशोली, देवता शरशाई नाग, कुई कांडा नाग तथा माता भुवनेश्वरी के अलावा देवता बूढ़ा सराहणी, कुशवा से देवता मार्कंडेय और भगवती माता ने भी आने को लेकर हामी भरी है। कारदार संघ के अध्यक्ष भागे राम राणा, कारदार इंद्र सिंह, कारदार शेर सिंह, नरोतम सिंह तथा राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि दशहरा को लेकर देव समाज में उत्साह है।
आनीं-निरमंड के देवता दशहरा के लिए 18 अक्तूबर से कूच करना शुरू कर देंगे। रास्ते में देवताओं को पांच से छह पड़ाव रहते हैं। उन्होंने कहा कि देवताओं के ढोल नगाड़ों, नरसिगों, करनाल को दशहरा के लिए नया रूप दिया जा रहा है। जिला देवी देवता कारदार संघ के अध्यक्ष दोत राम ठाकुर ने कहा कि बाह्य सराज से आने वाले देवी-देवता 1660 से कुल्लू दशहरा उत्सव की शोभा को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुल्लू दशहरा की शान देवी देवता से ही है।
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