गेयटी के टेवरन हॉल में आयोजित सिक्कों की प्रदर्शनी में सातवाहन वाले और पंचमार्क के सिक्कों के डिजाइन लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं। सात वाहन वाले सिक्के शीशा और तांबे में ढाले गए हैं। इन पर मुख्यत: वृष, गज, सिंह, अश्व, पर्वत, जहाज, चक्र स्वस्तिक, कमल, त्रिरत्न और उज्जैन चिह्न (क्रॉस से जुड़े चार बाल) अंकित हैं।
स्टॉल के संचालक प्रेम पीयूष कुमार ने बताया कि यह सिक्के महाराष्ट्र और गुजरात की सीमा पर बालू छानने वालों को मिले थे। बताया कि यह लगभग 1000 से 1200 साल पुराने हैं। पंचमार्क के सिक्के मौर्यकाल में चलन में थे। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में इनके बारे में जानकारी दर्ज है। यह सिक्के धातु के टुकड़ों पर औजारों से प्रहार कर तैयार किए जाते थे।
इसके अलावा प्रदर्शनी में संदीप सिंह ने कुशाना सिक्के और जीवन दीप सिंह ने सिक्ख राजाओं के समय के सिक्के प्रदर्शित किए हैं। प्रेम पीयूष कुमार ने बताया कि प्रदर्शनी लगाने का मुख्य उद्देश्य युवाओं को भारत की प्राचीन मुद्राओं के बारे में जागरूक करना है।