India News (इंडिया न्यूज़), Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा द्वारा बहुत तबाही मचाई गई। शिमला, मंडी, कुल्लू, सिरमौर जिला तथा अन्य प्रभावित क्षेत्रों में 1,220 सड़कें ठप हैं। इससे बुधवार को भी दो हजार से ज्यादा रूट प्रभावित रहे। पेयजल स्रोतों में गाद आने से लोगों के घरों में पानी नहीं जा रहा है। मंडी की सबसे ज्यादा 541 समेत 1,235 पानी की स्कीमें ठप हैं।
उधर, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बाढ़ के हालत बने हैं। वायु सेना ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में 780 से ज्यादा लोगों को बचाया है। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि पश्चिमी वायु कमान के हेलिकॉप्टरों ने पिछले 48 घंटों में 50 से ज्यादा उड़ानें भरीं हैं।
इस दौरान हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में 780 से अधिक नागरिकों को बचाया गया। कांगड़ा जिले के फ़तेहपुर उप-मंडल में चल रहे राहत और बचाव कार्यों पर कांगड़ा के उपायुक्त निपुण जिंदल ने बताया कि 15 अगस्त को कुल 800 फंसे हुए नागरिकों को बचाया गया था।
एनडीआरएफ, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना का बचाव अभियान जारी है। अब तक बचाए गए लोगों के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं। उनके लिए राहत शिविर भी स्थापित किए गए हैं।
इससे पहले, बुधवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिले के इंदौरा और फतेहपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था। उन्होंने पोंग जलाशय की बाढ़ग्रस्त निचली धारा में चल रहे निकासी प्रयासों और अन्य राहत कार्यों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने डमटाल और शेखपुरा में राहत शिविरों में लोगों से बातचीत करते हुए उनका कुशलक्षेम पूछा साथ ही उन्हें सरकार की तरफ से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया गया।
सीएम ने राज्य के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ से हुई जान-माल की हानि पर भी चिंता व्यक्त की। सुक्खू ने कहा कि सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है। सैकड़ों स्थानीय लोगों ने असहाय होकर अपने घरों को बहते देखा, जबकि फसल काटने वाले विशाल क्षेत्र पानी में डूब गए, जिससे किसानों को अप्रत्याशित नुकसान हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपको विशेष रूप से इन क्षेत्रों के लिए मुआवजे और राहत सामग्री सहित एक विशेष पैकेज का आश्वासन देता हूं। उन्होंने प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि राहत शिविरों में शरण लिए हुए लोगों की देखभाल उचित रुप से की जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत कार्यों के लिए भोजनालयों और आवश्यक दवाओं का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। पिछले तीन दिनों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 71 तक गई है।
आपदा प्रबंधन के प्रमुख सचिव, ओंकार चंद शर्मा का कहना है कि 13-15 अगस्त तक लगातार बरसात द्वारा कुल 71 लोगों की जान ली गई है, वहीं इस मानसून में शुद्ध वित्तीय लगभग 7,500 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है।
जुलाई के पूरे महीने की तुलना में 13,14 और 15 अगस्त को ज्यादा नुकसान हुआ। संपत्ति और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को शुद्ध नुकसान 7,500 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने कहा कि इस अनुमान को आगे चलकर संशोधित किया जा सकता है, क्योंकि बचाव और राहत अभियान अभी भी जारी है और विस्तृत अनुमान में समय लगेगा।
ये भी पढ़े- शिमला समरहिल में तीन दिन में 66 शव बरामद, घटना स्थल से दो किलोमीटर दूर मिली एक और बॉडी