पति-पत्नी की इस गलती से पैदा होते हैं किन्नर

हमारे शास्त्रों में मनुष्य के जीवन से जुडे कई रहस्य है

मनुष्य के पैदा होने से लेकर उसकी मृत्यु तक हिंदू शास्त्रों में हर चीज का उल्लेख है

गर्भ उपनिषद में स्त्री-पुरुष के संबंध बनाने से लेकर शिशु के जन्म के बारे बताया गया है

इसमे बताया गया है किस प्रकार से मां के गर्भ में शिशु का जन्म होता है

कैसे वह समय के साथ विकसित होता है और गर्भ के भीतर 9 महीने तक वह क्या सोचता है

ग्रंथों में किन्नर की उत्पत्ति का भी वर्णन है

गर्भ संस्कार में बताया गया है कि किस दिन पति पत्नी को संबंध नहीं बनाने चाहिए

गर्भ संस्कार के अनुसार यदि शुभ दिन पर एक स्त्री गर्भधारण करे, तो आने वाली संतान भी मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ एवं गुणी भी होती है

लेकिन अशुभ दिन पर गर्भधारण करने से सभी अशुभ ग्रहों का असर होने वाली संतान पर होता है

इस दिन का स्वामी मंगल होता है 

मंगल अत्यंत क्रोधी एवं विनाशकारी ग्रह माना जाता है 

गर्भ संस्कार के अनुसार यह दिन गर्भधारण के लिए बेहद अशुभ है

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार क्रूर एवं पापी ग्रह की श्रेणी में आता है शनि ग्रह, इसलिए इस दिन पति-पत्नी का संतान उत्पत्ति के विचार से करीब आना अशुभ माना जाता है

 रविवार के दिन पति-पत्नी का शारीरिक संबंध बनाना ‘पाप’ कहलाता है