पत्नी की संपत्ति में पति का कोई हक नहीं, सुप्रीम कोर्ट का आदेश
नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट में महिला का स्त्रीधन उसकी पूर्ण संपत्ति है एक ऐतिहासिक फैसले में कहा
उसे अपनी इच्छानुसार खर्च करने का पूरा अधिकार है, वह कभी भी अपने पति के साथ संयुक्त संपत्ति नहीं बन सकती।
कोर्ट ने कहा कि संकट के समय पति इसका इस्तेमाल कर सकता है , लेकिन इसकी कीमत पत्नी को लौटाना पति की जिम्मेदारी है।
संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत पति को अपनी शक्ति का प्रयोग करना चाहिए
पत्नी के सारे गहने छीनने के लिए पति को 25 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा देने का आदेश दिया गया.
महिला जब 50 वर्ष की हो चुकी है, उसे जीवनयापन की लागत में वृद्धि और समता एवं
न्याय के हित को ध्यान में रखते हुए महिला को मुआवजा देने का आदेश दिया गया
लालच एक शक्तिशाली प्रेरक है और यह मनुष्य को सबसे ज्यादा अपराध करने के लिए प्रेरित करती है।