'नया नियम नया कानून' अब घर बैठे मिनटों में दर्ज कराए FIR!
सरकार ने अंग्रेजी शासन काल से चल रहे आईपीसी, सीआरपीसी और इंडियन ऐविडेंस ऐक्ट को अब बदल दिया है।
इन पुराने कानूनों को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम से बदल दिया गया है।
इनके तहत गिरफ्तारी, ट्रायल, एफआईआर से लेकर सबूतों की पेशी में बड़े बदलाव किए गए हैं। आइए देखते हैं क्या-क्या बदला?
कोर्ट में पहली सुनवाई के 60 दिनों के अंदर आरोप तय करना होगा, साथ ही ट्रायल पूरा होने के 45 दिनों के भीतर फैसला आना चाहिए।
15साल से कम और 60साल से ज्यादा के लोगों को थाने जाने की कोई जरूरत नहीं होगी।
कोई भी देश के किसी भी थाने में ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करवा सकेगा। शिकायक से लेकर समन तक सब ऑनलाइन हो सकेगा।
हत्या, रेप जैसे गंभीर आरोप में क्राइम सीन की विडियो बनाना जरूरी होगा। रेप विक्टिम के बयान की ऑडियो-विडियो रिकॉर्ड करना भी जरूरी होगा।
गवाहों की सुरक्षा की जाएगी, इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर होगी। इससे गवाहों का न्याय पर विश्वास बढ़ेगा।