महिला लोको पायलट का दर्द, वॉशरूम जाने से पहले…

इंडियन रेलवे में काम करने वाली महिला लोको पायलट को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है

उन्हें वॉशरूम ब्रेक पर जाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है

उन्हे ऐसा करने के लिए पहले वॉकी-टॉकी से मेल लोको पायलट से पर्मिशन मांगनी होती है

इसके बाद वो स्टेशन मास्टर को इसकी खबर देता है

स्टेशन मास्टर कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी देता है

एक एक करके दर्जनों अधिकारियों तक ये जानकारी प्रसारित होती है कि वो वॉशरूम जाना चाहती है

कई बार ये पूरी प्रक्रिया महिला लोको पायलट के लिए असहज होती है

पीरियड्स के दौरान महिला लोको पायलट को और ज्यादा दिक्कत होती है

एक लोको पायलट को ट्रेन के इंजन में कम से कम 10 से 12 घंटे बिताने होते हैं