मुगल काल में किस तरह होता औरतों का शोषण, ये है कहानी
हरम अरबी शब्द है जिसका अर्थ है वर्जित, मुगल साम्राज्य में इसकी शुरूआत बाबर ने की थी
हरम में सिर्फ मुगल शासक ही प्रवेश कर सकता था,उसके अलावा किसी अन्य पुरुष की एंट्री बैन थी
हरम में महिलाओं की संख्या इतनी ज्यादा होती थी कि कई महिलाएं अपनी जिंदगी में बादशाह को नज़र भर देख तक नहीं पाती थीं
इतावली चिकित्सक मनूची की किताब ‘मुगल इंडिया’ के मुताबिक हरम की महिलाएं जान बूझकर बीमारी का बहाना बनाती थीं ताकि नब्ज दिखाने के बहाने किसी तरह वे पुरुष को छू पाए
हरम बनाने के पीछे मुगलों की क्रूर मानसिकता जिम्मेदार थी,हालांकि उन्हें सजने-संवरने की पूरी सुविधा दी जाती थी
हरम में मुगल बादशाह जब चाहे अपने पसंद की महिला को चुन सकता था और उससे शारीरिक संबंध बना सकता था
हरम में अगर गलती से भी कोई महिला किसी अन्य पुरुष से संबंध बनाती हुई पाई जाती तो उसे मौत के घाट उतार दिया जाता था
हरम में एक फांसीघर होता था,कोई भी महिला अगर गलत काम करती तो उसे फांसी पर लटकाकर सुरंग के रास्ते बाहर फेंक दिया जाता