अय्याशी में बादशाह से आगे थी ये मुगल रानी
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मुगल रानियों की शानो-शौकत और शानो-शौकत किसी भी तरह से शक्तिशाली बादशाहों से कम नहीं थी।
मुगल सल्तनत की सबसे ताकतवर रानियों में से एक नूरजहां की अय्याशी के बारे में कई कहानियां हैं।
इतिहासकार इंदु सुंदरसेन ने अपनी किताब में लिखा है कि नूरजहां की प्रसिद्धि सिर्फ हरम में ही नहीं बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था में भी थी.
नूरजहाँ का जहाँगीर पर बहुत प्रभाव था और उसने अपने शासनकाल के दौरान उसे भारी मात्रा में सोने के साथ-साथ महल और जागीरें भी दीं।
नूरजहाँ की शाही हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में सोने और चांदी से बनी चीजों का इस्तेमाल करती थीं।
जहांगीर ने अपने शासनकाल के दौरान नूरजहां के शौक को देखते हुए उनके लिए सोने का पंखा बनवाया था।
नूरजहाँ को वास्तुकला का भी अच्छा ज्ञान था और उन्होंने अपने समय में महल की साज-सज्जा में कई बदलाव किये।
जहाँगीर की मृत्यु के बाद नूरजहाँ की शक्ति कम होने लगी और अंततः लाहौर में उसकी मृत्यु हो गई।