यहां की ये कैसी परंपरा...मौत के बाद छोड़ देते हैं घर
पहाड़ी कोरवा छत्तीसगढ़ राज्य में रहते हैं।
सदियों पुरानी रूढ़िवादी परंपरा कोरवा जनजाति के विकास में बाधा डालती है।
कोरवाओं को जीवन यापन के लिए बिजली, पानी आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
कोरवा जनजाति के विकास में कमी का सबसे बड़ा कारण है,
उनके पास रहने के लिए कोई स्थायी ठिकाना नहीं है। कोरवा जनजाति समय-समय पर अपना घर बदलती रहती है।
जब भी कोरवा जनजाति के घर में किसी की मृत्यु होती है,
वे उस घर को छोड़कर दूसरे घर में रहने चले जाते हैं।
समय-समय पर घर बदलने के कारण कोरवा जनजाति फूस के घरों में रहती है।
पीएम आवास योजना मिलने के बाद भी कोरवा जनजाति पक्के घरों में नहीं रहती है।
कोरवा जनजाति में मृत्यु के बाद घर बदलने की सदियों पुरानी परंपरा है।