सूर्यदेव को किसने दी थी खुली धमकी!
मेघनाद से युद्ध करते समय लक्ष्मण पर वीरघातिनी शक्ति ने प्रहार किया था।
इस शक्ति के प्रभाव से ही लक्ष्मण के प्राण सूर्योदय तक सुरक्षित रहे।
लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिए हनुमान जी संजीवनी लाने हिमालय गए।
हालांकि उन्हें डर था कि संजीवनी ढूंढने में समय लग सकता है।
आकाश मार्ग से जाते समय हनुमान जी ने सूर्य देव से अनुरोध किया कि जब तक वे वापस न आ जाएं तब तक वे उनके सामने दर्शन न दें।
उन्होंने कहा कि वे अपने वंश की रक्षा के लिए संजीवनी लाने जा रहे हैं।
अनुरोध के बाद हनुमान जी ने सूर्य देव को धमकी भी दी।
उन्होंने कहा कि बचपन में एक बार उन्होंने उन्हें निगल लिया था।
यदि इस बार उन्होंने उनकी बात नहीं मानी तो वे पुरानी गलती दोहरा सकते हैं।
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