India news (इंडिया न्यूज़), Mango: गर्मी का मौसम हो और आम खानें कि बात ना हो ऐसा कैसे हो सकता है। क्योंकि आम खाना तो सबकों पसंद होता है, जिस वजह से इस मौसम में इनकी डिमांड बढ़ जाती है। जिस वजह से केमिकल के इंजेक्शन का इस्तेमाल इन्हें जल्दी पकाने के लिए किया जाता है। क्योंकि आम जल्दी पकेंगे जब ही तो मार्केट में ज्यादा बिकेंगे। पर ये केमिकल वाले आम हमारे हेल्थ के लिए अच्छें नही होते और इनसे हमारी हेल्थ में कई तरह की प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। इसलिए जब बात हेल्थ की हो तो हमें सावधान हो जाना चाहिए। आपको बताते है कुछ ऐसे तरींके जिनसे आप पता कर सकते है की कौन से आम नेचुरल पके हुए है और कौन से आर्टिफिशियल पकाए गए है।
बता दें कि इन्हें पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड इंजेक्ट केमिकल का किया जाता है इस्तेमाल। जो उससे कॉन्टैक्ट में आने के बाद एसिटिलीन गैस रिलीज करता है और इस वजह से आम जल्दी पकना शुरु कर देते है। वहीं इन केमिकलों के कारण आपके शरीर में कई गंभीर तरह की प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। जैसे स्किन में जलन, सांस से जुड़ी समस्या और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स।
खरीदते टाइम आम के रंग पर ध्यान दें। क्योंकि जो आम केमिकल के इंजेक्शन से पकाए जाते है उन पर हरे-हरे धब्बे होते है।
खरीदते टाइम इसके आकार पर भी ध्यान दें। क्योंकि जो आम केमिकल से पके हुए होते है उनके आकार बहुत छोटे होते है और उसमें से रस भी टपकता रहता है। ऐसा कोई भी आम जिसपर सफेद या नीले रंग का निशान हो तो आप गलती से भी उसे ना खरीदें। क्योंकि ये केमिकल से पका आम हो सकता है।
आप केमिकल से पके हुए आमों का पता इस तरह से भी लगा सकते हैं। जैसे नेचुरली पके हुए आम पानी में डूब जाते है और जो केमिकल से पके हुए होते है वो ऊपर ही तैरते रहते है।
आप खरीदते टाइम आम को हल्का दबाकर देखें। अगर वो नरम हो तो वो नेचुरली पके हुए होते है। पर वहीं कुछ आम जो कहीं-कहीं से टाइट हो तो समझ जाए कि इसे केमिकल से पकाया गया है।
ये भी पढ़ें- Iron Deficiency : ये 6 चीज कर देंगी आयरन की कमी को दूर, जिसे मिलेंगी शरीर को ताकत