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Hardik Pandya: वडोदरा से क्रिकेट का सुपरस्टार, जानें कैसा रहा हार्दीक पांड्या का ये सफर

• LAST UPDATED : October 11, 2023

India News(इंडिया न्यूज़), Hardik Pandya: टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या आज अपना 30वां जन्मदिन मना रहे हैं। हार्दिक पंड्या का जन्म 11 अक्टूबर 1993 को सूरत, गुजरात में हुआ था। पांड्या ने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उन सभी को पार करने के बाद वह आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। पांड्या, जिनके पास अब अरबों डॉलर की संपत्ति है, एक समय वो भी था जब वह एक बैट भी नहीं खरीद सकते थे।

पांड्या ने 9वीं कक्षा में छोड़ा स्कूल

सूरत में जन्मे हार्दिक पांड्या को शुरू से ही क्रिकेट पसंद था और उनके पिता अक्सर उन्हें मैच दिखाने के लिए ले जाते थे। उन्हें पढ़ाई में कोई रुचि नहीं थी। दोनों भाइयों के क्रिकेट कौशल और जुनून को देखकर उनके पिता हिमांशु पांड्या ने अपने बेटों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए अपना व्यवसाय सूरत से बड़ौदा स्थानांतरित करने का फैसला किया।

Hardik Pandya

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बड़ौदा आने के बाद उनके पिता हार्दिक और कुणाल को किरण मोरे क्रिकेट अकादमी ले गए। किरण मोरे उनके पहले कोच थे और भाइयों के उत्कृष्ट क्रिकेट कौशल और उनकी वित्तीय स्थिति को देखने के बाद, उन्होंने उनसे शुल्क न लेने का फैसला किया। इस बीच, हार्दिक ने भी 9वीं कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद स्कूल छोड़ दिया।

हार्दिक के पास बल्ले के लिए भी नहीं थे पैसे

एक ओर तो दोनों भाइयों ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया, लेकिन दूसरी ओर उनके पिता का व्यवसाय कम होने लगा। लेकिन हिमांशु पांड्या ने कभी भी हार्दिक और कुणाल को अपनी आर्थिक तंगी के बारे में नहीं बताया। हालांकि, क्रिकेट को लेकर अपने बेटों का मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए उन्हेंने तमाम कोशिश कि। मगर हार्दिक धीरे-धीरे आर्थिक मंदी से इतने प्रभावित हो गए कि उन्होंने मैगी खाकर ही मैदान पर प्रैक्टिस की। पांड्या ने खाने के लिए पैसे बचाए और क्रिकेट किट जुटाए। हार्दिक के पास बल्ले के लिए भी पैसे नहीं थे।

Hardik Pandya

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आईपीएल से मिली पहचान 

घरेलू क्रिकेट में अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित करने वाले हार्दिक पांड्या ने 2015 में मुंबई इंडियंस के लिए डेब्यू किया और सभी का दिल जीत लिया। इसके बाद 2016 में उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया। बाद में उन्होंने विश्व कप में भी भारतीय टीम का नेतृत्व किया।

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