India News(इंडिया न्यूज़) ChatGPT: चैट जीपीटी की लॉन्चिंग के साथ ही दुनियाभर के तमाम लोगों ने इसका विरोध किया है। इसके चलते लोगों को उनकी नौकरी जाने का डर सता रहा है। लोग तरह-तरह के दावे करने लगें कि एक दिन दुनिया पर मशीनों का राज होगा और इंसान मशीनों के बनाए का कानून के हिसाब से रहेंगे। क्या हो अगर हम कहें की ये बात सच है? क्या हो अगर किसी दिन देश के नियम कानून तैयार करने का काम AI को दे दिया जाए? ऐसा ही कुछ ब्राजील में देखने को मिला है, जहां AI के तैयार किए गए कानून को काउंसिल ने पास कर दिया है।
मामला ब्राजील के शहर Porto Alegre है। जहां शहर के काउंसिल मेंबर Ramiro Rosario ने भविष्य में लेजिस्लेटिव प्रॉसेस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल का समर्थन किया है। ‘मशीने एक दिन इसानों के लिए कानून बनाएंगी.’ कुछ वक्त पहले तक इसका सिर्फ अंदाजा लगाया जा रहा था, लेकिन अब सच में ऐसा हो रहा है। Porto Alegre इसका उदाहरण है।
ChatGPT ने महज 15 सेकेंड में पानी के मीटर को लेकर कानून तैयार कर दिया है. चैटबॉट ने लंबे समय से पेंडिंग पड़े एक मामले में प्रैक्टिकल सॉल्यूशन दिया है। ऐसा करके AI ने ना सिर्फ Ramiro Rosario का ध्यान अपनी तरफ खींचा बल्कि पूरे शहर के काउंसिल को अपनी क्षमता से प्रभावित किया है।
शहर की काउंसिल ने लंबे समय से रुके हुए इस मामले पर AI के बनाए बिल को पास कर दिया है। AI जनरेटेड बिल में चोरी हुए सभी पानी के मीटरों को रिप्लेस करने के लिए 30 दिनों की समय-सीमा तय हुई है। साथ ही चोरी की वजह से नए मीटर लगवाने पर प्रॉपर्टी मालिकों को छूट देने की बात कही गई है।
इस मामले का खुलासा बिल पास होने के बाद हुआ है. हालांकि, इस मामले से ये भी साफ है कि पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में AI के इस्तेमाल को स्वीकार किया जा रहा है। इससे पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को लेकर हमेशा सवाल उठाए जाते रहे हैं। लेकिन किसी एडमिनिस्ट्रेशन पॉलिसी में इसका इस्तेमाल पहली बार हुआ है।
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