India News (इंडिया न्यूज), Himachal Politics: सोमवार को हिमाचल में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल का 1 साल पूरा कर लिया। इस खास मौके पर धर्मशाला में एक समारोह का आयोजन हुआ। जिसमें कांग्रेस के प्रभारी अजब शुक्ला और हिमाचल कांग्रेस के सभी कैबिनेट मंत्री मौजूद रहे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुकून है कहा कि साल 2027 तक वह हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाएंगे और साल 2035 तक हिमाचल प्रदेश देश पर का नंबर वन राज्य बनेगा।
धर्मशाला में आम जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कहा कि, उन्होंने जनता से जो भी वादे किए हैं वे हर हाल में पूरे करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आप पिछली भाजपा सरकार ने हिमाचल प्रदेश के खजाने को खाली करने का काम किया था।
बता दे की सत्ता में आने से पहले कांग्रेस सरकार कांग्रेस के सरकार ने 10 गारंटीयों का वादा किया था। जिसके दौरान उनमें से उनका गारंटी को पूरा करने के लिए सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने मंच पर कर भारी घोषणाएं भी की।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि, लाहौल-स्पीति की 18 साल से ऊपर की सभी महिलाओं को 1500 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। उन्होने बताया कि 2.37 लाख महिलाओं को भी अगले वर्ष से 1100 के स्थान पर 1500 रुपये पेंशन दी जाएगी।
समारोह के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू बताया कि अगले साल के बजट में तीन नई गारंटियां और आएंगी। उन्होंने बताया कि आने वाले वर्षों में आम आदमी, किसान और युवाओं से जुड़ी कई योजनाएं शुरू की जाएंगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि भाजपा ने अर्थव्यवस्था को बदहाल कर रखा है और आपदा में भी राज्य को बहुत नुकसान हुआ है। इसे धीरे-धीरे ठीक किया जा रहा है। सीएम सुक्खू ने वादा किया कि 18-60 साल तक की विधवा महिलाओं के बच्चों का स्कूलों, कॉलेजों, आईआईटी, आईआईएम में पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी। वे चाहे डाक्टर बनें, इंजीनियर बनें या कुछ और बनें, सरकार पढ़ाई में पूरी मदद करेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ‘जब बजट बनने लगा तो हमने आत्मनिर्भर हिमाचल की नींव रखने का संकल्प लिया। हम सत्ता में सुख के लिए नहीं आए। हिमाचल सदन और भवन में विधायक और आम जन बराबर किराया देते हैं। आने वाले चार साल में हिमाचल आत्मनिर्भर और 2032 तक हिमाचल देश का सबसे अमीर और आत्मनिर्भर राज्य बनेगा। शराब के ठेकों की नीलामी से आमदनी बढ़ाई। आपदा के वक्त मंत्रियों ने जिलों का दौरा किया। दिन-रात मेहनत करते रहे। केंद्र से विशेष राहत पैकेज मांगते रहे। भाजपा विधानसभा सत्र बुलाने की बात करती रही। केंद्र से आपदा राहत पैकेज को मांगने के लिए सदन में चर्चा रखी। भाजपा के तीनों सांसदों ने भी केंद्र में हिमाचल की बात नहीं रखी। राज्य सरकार ने आवास के लिए कानून बदल दिया गया। इसके अलावा कई अन्य प्रावधान किए। यह संवेदनशील सरकार है।’
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