India News HP (इंडिया न्यूज), Dehydration: गर्मियों में लू चलने से दिन-रात लोग डिहाइड्रेशन और हीट डिहाइड्रेशन की समस्या से जूझ रहे हैं। दोनों स्थितियां शरीर के लिए खतरनाक हो सकती हैं, लेकिन हीट डिहाइड्रेशन अधिक गंभीर है। इसके लक्षण समझने और समय रहते उपचार करवाना आवश्यक है।
कब होता है डिहाइड्रेशन?
डिहाइड्रेशन तब होता है जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इससे गला और मुंह सूखने लगता है, आंखों में जलन होती है, सिरदर्द और चक्कर आने लगते हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट के एक अध्ययन में पाया गया कि शरीर जब सामान्य पानी मात्रा से 1.5 फीसदी भी नीचे आता है, तो चिड़चिड़ापन, थकान और चिंता बढ़ जाती है।
हीट डिहाइड्रेशन (Dehydration)
हीट डिहाइड्रेशन हीट वेव और तेज धूप की वजह से होता है। शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए ज्यादा पसीना निकलने लगता है, जिससे शरीर में नमक-पानी का असंतुलन हो जाता है। इससे बचने के लिए शरीर को ठंडक पहुंचानी होगी और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना होगा।
शरीर को नुक्सान
डिहाइड्रेशन से न केवल किडनी को नुकसान पहुंचता है, बल्कि यह दिमाग पर भी बुरा असर डालता है। मानव मस्तिष्क का 70-75 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना होता है। पानी की कमी से मूड खराब होने, एकाग्रता में कमी आने और शरीर-दिमाग के बैलेंस बिगड़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
क्या है कारण
धूप में बहुत समय बिताने, शरीर से ज्यादा पसीना निकलने और पर्याप्त पानी न पीने से हीट डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। इसके लक्षणों को नजरअंदाज करने पर यह जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए गर्मी के मौसम में पानी की पर्याप्त मात्रा लेना और शारीरिक थकान के संकेतों को अनदेखा न करना बेहद जरूरी है।
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