India News Punjab (इंडिया न्यूज), High Court: प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला को शहर में अनुमति के बिना लगाए गए फ्लैक्स बैनर और विज्ञापन बोर्ड को तुरंत हटाने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही, उन्हें हटाने पर आने वाला खर्च भी संबंधित लोगों से वसूलने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को फ्लैक्स बैनर की मोटाई, उन्हें लगाए रखने का कोई निर्धारित समय और उन्हें तय समय सीमा के भीतर हटाने से जुड़े नियम बनाने पर विचार करने के आदेश दिए हैं। इस फैसले की घोषणा न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने की है, जिन्होंने विभिन्न जनहित याचिकाओं की सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया है।
हाई कोर्ट ने नालागढ़ विकास प्राधिकरण (BBNDA) और JBR कंपनी को केंदूवाला स्थित डंपिंग साइट से पुराने कचरे को बरसात से पहले हटाने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने इसका महत्व बताते हुए कहा कि यह समय की जरूरत है क्योंकि यह कचरा सिरसा नदी के 100 मीटर के दायरे में रहने वाले लोगों के लिए खतरा है।
इसके साथ ही, नगर निगम शिमला को भी अवैध रूप से कूड़ा कचरा फेंकने वाले स्थानों पर चेतावनी देने वाले साइन बोर्ड लगाने के आदेश दिए गए हैं। इन साइन बोर्डों का मुख्य उद्देश्य है लोगों को जागरूक करना और कूड़ा फेंकने वालों को डिसिप्लिन के प्रति अवगत कराना।
उसके अलावा, नगर निगम शिमला को शहर के सभी आवासीय इलाकों, झुग्गी-झोपड़ी, और धारों को 100 प्रतिशत डोर-टू-डोर गार्बेज कलेक्शन स्कीम से जोड़ने के लिए इनकी गार्बेज आइडी बनाने के आदेश भी दिए गए हैं। इसका उद्देश्य है शहर की साफ-सुथराई को बढ़ावा देना और कचरे के प्रबंधन में सहयोग करना।
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