होम / Char Dham Yatra: चार धाम यात्रा के लिए आप फिट हैं या नहीं? इन तरीकों से घर पर लगाएं पता

Char Dham Yatra: चार धाम यात्रा के लिए आप फिट हैं या नहीं? इन तरीकों से घर पर लगाएं पता

• LAST UPDATED : June 14, 2024

India News HP ( इंडिया न्यूज ), Char Dham Yatra: गंगोत्री और यमुनात्री धाम के दरवाज़े मील के साथ ही चार धाम यात्रा शुरू हुई थी। अब तक लाखों यात्राएं इसे पूरा कर चुकी हैं। हालांकि, पहाड़ों में यात्रा करते समय कुछ लोगों की सेहत भी प्रभावित होती है। इस स्थिति में आप घर पर इस टेस्ट को कर सकते हैं। यह आपको बताएगा कि आप यात्रा के लिए क्या तैयार हैं या नही।

इस तरीके से जांचिए खुद्द की फिटनेस

उत्तराखंड की चार धाम यात्रा 10 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही शुरू हो गई थी। तब से एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। अब तक लाखों श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। चार धाम यात्रा में कुछ लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है।

ये भी पढ़ें: Himachal Fire: जंगल में लगी आग, किटपल पंचायत के दो परिवारों की पशुशालाएं जलीं

पहाड़ों में सांस लेने में दिक्कत और दिल से जुड़ी परेशानियां सामने आ रही हैं, हालांकि लोग मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने के बाद ही यात्रा पर जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में पहाड़ों पर जाने के बाद अचानक तबीयत खराब हो जाती है।

ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि आप यात्रा के लिए कितने फिट हैं। आप घर पर भी कुछ तरीकों से अपनी फिटनेस को परख सकते हैं। दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल हॉस्पिटल के पूर्व निदेशक डॉ. सुभाष गिरी का कहना है कि पहाड़ों की यात्रा पर जाने से पहले आपको कई बातों का ध्यान रखना होता है। कुछ टेस्ट ऐसे हैं, जिन्हें आप घर पर ही मेडिकल उपकरणों की मदद से कर सकते हैं। सबसे पहले आपको अपना ब्लड प्रेशर चेक करना चाहिए।

चेक करें ऑक्सीजन

आप घर पर ही पल्स ऑक्सीमीटर से अपना ऑक्सीजन लेवल चेक कर सकते हैं। अगर आपका ऑक्सीजन लेवल 90 से कम है, तो आपको यात्रा नहीं करनी चाहिए। अधिक ऊंचाई पर जाने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। जिससे फेफड़ों से जुड़ी बीमारियाँ हो सकती हैं।

यदि कोविड हिस्ट्री है तो यात्रा से बचें

अगर आपको कोरोना का गंभीर संक्रमण है तो डॉक्टर की सलाह पर ही यात्रा करें। क्योंकि कोविड से ठीक होने के बाद भी कुछ लोगों के फेफड़ों में संक्रमण बना रहता है। फेफड़े मजबूत नहीं होते। चूंकि पहाड़ी इलाकों में ऑक्सीजन की कमी होती है, ऐसे लोगों को परेशानी हो सकती है। फेफड़ों में भी संक्रमण का खतरा रहता है।

ये भी पढ़ें: Himachal Crime: शादी का झांसा देकर बनाए संबंध, विदेशी युवती ने स्थानीय युवक पर लगाया दुष्कर्म का आरोप

SHARE
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox