India News HP (इंडिया न्यूज़), Lok Sabha Election: किसी भी प्रदेश में लगभग आधी आबादी महिलाओं का होता है। हिमाचल में भी कुल मतदाताओं में लगभग 49 प्रतिशत महिलाएं हैं। लेकिन पिछले 72 वर्षों में प्रदेश से केवल तीन महिलाएं लोकसभा में पहुंची हैं और इस बार सिर्फ दो महिलाएं मैदान में हैं। अब तक तीन सफल उम्मीदवार में राजकुमारी अमृत कौर, चंद्रेश कुमारी और प्रतिभा सिंह शाही परिवारों से थीं।
राज्य की 4 लोकसभा सीटों के लिए एक जून को होने वाले चुनाव के लिए केवल भाजपा और बसपा ने ही महिला उम्मीदवारों को नामांकित किया है। बीजेपी ने जहां मंडी से अभिनेत्री कंगना रनौत को मैदान में उतारा है, वहीं रेखा रानी कांगड़ा से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि राजनीतिक दल महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं, लेकिन जब उम्मीदवारों की घोषणा की बात आती है, तो महिलाओं को कम अवसर मिलते हैं।
हिमाचल में 1 जून को सातवें और अंतिम चरण में हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और शिमला (एससी) सीटों के लिए मतदान होगा। राज्य में कुल 56,38,422 मतदाता हैं। जिसमें 28,79,200 पुरुष, 27,59,187 महिला और 35 थर्ड जेंडर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
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कपूरथला के शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री अमृत कौर 1952 में मंडी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुनी गई थीं। उसके बाद 1984 तक किसी महिला को टिकट नहीं मिला।
हालांकि, 1984 में जोधपुर के शाही परिवार की चंद्रेश कुमारी, जिनकी शादी हिमाचल प्रदेश में हुई थी, को कांग्रेस ने कांगड़ा से मैदान में उतारा और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति की लहर पर सवार होकर पार्टी ने चुनाव में जीत हासिल की।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने 1998 में लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, 2004 में उन्होंने चुनाव जीता था, जब उनके पति मुख्यमंत्री थे। 2009 में, वीरभद्र सिंह मंडी से लोकसभा के लिए चुने गए थे, लेकिन 2012 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया। जिसके बाद उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह ने 2013 में उपचुनाव जीता।
2014 में उन्होंने फिर से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के राम स्वरूप से हार गईं, 2019 में राम स्वरूप फिर से चुने गए। लेकिन मार्च 2021 में राम स्वरूप की मृत्यु के बाद यह सीट खाली हो गई। नवंबर 2021 में हुए उपचुनाव में प्रतिभा सिंह ने तीसरी बार मंडी लोकसभा सीट से जीत हासिल की।
यहां तक कि 68 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व बेहद कम रहा है और 1967 तक कोई भी महिला निर्वाचित नहीं हुई थी। 1977 और 2022 में केवल एक-एक महिला विधानसभा में पहुंची। हालांकि, 1998 के चुनाव में सबसे ज्यादा सात महिलाएं राज्य विधानसभा के लिए चुनी गईं। अब तक राज्य से आठ महिलाएं राज्यसभा के लिए चुनी गई हैं।
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