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Noise Pollution :हिमाचल में चिंता का मुद्दा बना ध्वनि प्रदूषण! रिपोर्ट में हुआ खुलासा

• LAST UPDATED : April 27, 2024

India News HP (इंडिया न्यूज), Noise Pollution: हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नवीनतम रिपोर्ट से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर लिए गए 270 से अधिक ध्वनि प्रदूषण सैंपल तय मानकों से अधिक पाए गए हैं।

मनाली और कुल्लू में स्थिति सबसे खराब
प्रदेश के पर्यटन केंद्रों में मनाली और कुल्लू में स्थिति सबसे खराब है। मनाली में 109 दिन और कुल्लू में 67 दिन ध्वनि प्रदूषण की रीडिंग अनुमत सीमा से ज्यादा रही। राजधानी शिमला में भी 21 दिन शोर के स्तर उच्च पाए गए।

नियमों का उल्लंघन (Noise Pollution)
शांत क्षेत्रों में नियमों की सबसे अधिक अवहेलना हुई है। मनाली और कुल्लू में शांत इलाकों में कई दिन रात के समय ध्वनि प्रदूषण 40 डेसिबल से अधिक दर्ज किया गया, जबकि दिन में भी यह सीमा लांघी गई। शिमला और रामपुर में भी शांत क्षेत्रों में दिन के समय अधिक शोर रहा।
रिहायशी इलाकों में भी स्थिति चिंताजनक है। कुल्लू, मनाली, बद्दी, बिलासपुर, रामपुर और नालागढ़ में कई दिन आवासीय क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण की रीडिंग अधिक रही। व्यावसायिक इलाकों में मनाली में दिन और रात दोनों समय सैंपल फेल हुए।

ध्वनि प्रदूषण स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ता ध्वनि प्रदूषण स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए खतरनाक है। इससे सुनने की क्षमता पर असर पड़ने के साथ ही उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। साथ ही यह तनाव और चिंता के स्तर को बढ़ाता है।

बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, ध्वनि के सैंपल मशीनों और मानव निरीक्षकों द्वारा हफ्ते में एक बार बेतरतीब रूप से लिए जाते हैं ताकि सटीक आंकड़े मिल सकें। हालांकि, प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से मिले आंकड़ों ने प्रशासन के सामने नई चुनौती पेश की है।

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