India News (इंडिया न्यूज़) Dussehra 2023: शारदीय नवरात्र के नौं दिन तक मां भवानी के व्रत करने के बाद दसवें दिन भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना की जाती है। भारतवर्ष में दशहरे को खुशी के साथ मनाया जाता है। विजयादशमी को हिंदू धर्म में बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।
भगवान श्रीराम पिता के आदेश मिलने के बाद चौदह वर्ष के वनवास जाना पड़ा था। इसी बीच लंकापति रावण ने छल से माता सीता का अपहरण कर लिया था। उसके बाद भगवान श्री राम ने हनुमान जी को माता सीता की खोज के लिए भेजा। जब हनुमान जी को माता सीता का पता लगाने में सफलता प्राप्त हुई और उन्होंने रावण को समझाया कि माता सीता को सम्मान के साथ प्रभु श्रीराम के पास वापस भेज दें। लेकिन अपने शक्ति के घमंड में रावण ने हनुमान जी की एक न मानी और अपनी मौत को निमंत्रण दे डाला। उसके बाद मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने जिस दिन रावण का वध किया उस दिन शारदीय नवरात्र की दशमी तिथि थी।
भगवान श्रीराम ने नौ दिन तक मां दुर्गा की उपासना की थी। फिर दसवें दिन रावण का वध कर रावण पर विजय प्राप्त की, तब से इस त्योहार को विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है।
पौराणिक कथाओं में विजयादशमी को मनाने के पीछे कई मान्यता है। बताया जाता है इस दिन मां भगवती ने चंडी रूप धारण करके महिषासुर नामक असुर का वध किया था। महिषासुर और उसकी सेना द्वारा देवताओं को परेशान किए जाने की वजह से, मां दुर्गा ने लगातार नौ दिनों तक महिषासुर और उसकी सेना से युद्ध किया था। जिसके बाद माता ने दसवें दिन उन्हें महिसाषुर का अंत करने में सफलता प्राप्त हुई। इसलिए भी शारदीय नवरात्र के बाद दशहरा मनाने की परंपरा है।
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