India News (इंडिया न्यूज़), Health Tips: भारतीय खाने का सबसे अहम हिस्सा रोटी है। इसका सेवन लगभग सभी मील्स में होता है। अगर थाली में रोटी ना हो तो मानो खाना अधूरा-अधूरा सा लगता है। जहां सभी लोगों का रोटी पकाने का तरीका भी अलग होता है। दरअसल, रोटी को आमतौर पर तवे पर कुछ देर सेका जाता है और फिर सीधे चूल्हे की आंच पर चिमटे की मदद से पूरी तरह से पकाया जाता है।
क्योंकि इस से समय का बचत होता है और रोटी जल्दी और फूली फूली बन जाती है। पर अपकी ये आदत आपके लिए खतरनाक है। बता दें कि तेज आंच पर खाना पकाने के तरीके से हेट्रोसाइक्लिक अमाइन्स (HCAs) और पॉलीसाइक्लिक अरोमैटिक हाइड्रोकार्बन्स (PAHs) का उत्पादन होता है, जो जाने माने कार्सीनोजन्स हैं। आइए जानें कि नई रिसर्च रोटी पकाने के इस तरीके के बारे में क्या कहती है।
हाल ही में जर्नल एंवॉयरमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में पब्लिश हुई एक रिसर्च के अनुसार नैचुरल गैस चूल्हा और गैस स्टोव्ज से कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सूक्ष्म कण पदार्थ निकलते हैं। जहा WHO ने भी इस बात से सहमति जताई है। ये हमारे लिए सांस और दिल की बीमारियों का खतरा पैदा करते हैं। इतना ही नहीं इससे कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। सिर्फ इतना ही नहीं, न्यूट्रीशन एंड कैंसर जर्नल में प्रकाशित हुई एक दूसरी स्टडी बताती है कि तेज आंच पर खाना पकाने से कार्सीनोजन्स प्रोड्यूस होते हैं।
आपको बता दें कि गेहूं के आटे में एक निश्चित स्तर की नेचुरल शुगर और प्रोटीन होता है जिससे अगर सीधी आज पर गर्म किया तो कार्सिनोजेनिक पैदा हो सकता है। जो हम इंसानो के शरीर के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।
पुराने जमाने में लोग रोटी को पकाते वक्त लोग तवे पर रखी रोटी को किसी सूती के कपड़े से दबाते और चारों तरफ घुमा-घुमा कर सेकते थे और इसे सीधे गैस की आंच पर भी नहीं रखना पड़ता। इससे रोटी सभी तरफ से पक जाती है।
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