इंडिया न्यूज़: केंद्र सरकार ने फलों और सब्जियों को धब्बों और सुंडी के हमले से बचाने वाले कई कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इन कीटनाशकों को बनाने और इसे बेचने पर रोक लगा दी है। इसी के साथ केंद्र सरकार ने राज्यों से 30 दिन में इस पर आपत्तियां मांगी हैं। वही, समय अवधि में यदि कोई आपत्ति नहीं आती है तो कृषि मंत्रालय इस पर रोक लगाने की के लिए आगे की कार्रवाई करेगा।
बता दे कि प्रतिबंधित कीटनाशक फलोंं और सब्जियों को न केवल कीट से बचाती है, इसके साथ फलों और सब्जियों पर चमक भी लानेे का काम करती है। इनका उपयोग सेब के साथ-साथ टमाटर, आम समेत कई फल और सब्जियों पर होता हैं।प्रदेश भर में सीजन के दौरान किसान लाखों खर्च करके इन कीटनाशकों की खरीदा करते है। जामकारों की माने तो केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से प्रकाशित सूची में जो प्रतिबंधित कीटनाशक हैं, उनके विकल्प मौजूद हैं।
जिन कीटनाशकों पर केंद्र सरकार ने रोक लगाने को कहा है, उनमें मेलाथियान, क्यूनफोस, मोनोक्रोटोफोस, कोबाफ्यूरोन, मैनकोजेब, ऑक्सीफ्लोरफेन, डिमैथोट, क्लोरप्यरिफोस शामिल हैं। इनमें से पांच कीटनाशकों का उपयोग हिमाचल प्रदेश के किसान-बागवान सीजन के दौरान करते हैं।
वहीं, केंद्र ने कीटनाशकों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। समिति ने जांच में पाया गया कि इन सभी कीटनाशकों का उपयोग मनुष्य और पशुओं के लिए खतरनाक है। इनसे कई बीमारियां होने का खतरा होता है। ये कीटनाशक कई देशों में पहले से ही प्रतिबंधित हैं। समिति ने इसकी रिपोर्ट केंद्र को सौंपी थी, जिसके बाद केंद्र इन्हें प्रतिबंधित करने जा रहा है।