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Holi Horoscope 2022: जाने इस बार की होली में क्या है ख़ास

• LAST UPDATED : March 11, 2022

MADAN-GUPTA-SPATU

मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद् :

Holi Horoscope 2022 मित्रता, एकता, द्वेष भाव त्याग कर गले मिलने का रंगारंग पर्व होली,शुक्रवार 18 मार्च, को आ रहा है। इस वर्ष होली से पूर्व चुनावी रंग भी खूब खिल रहा है। जिन्हें विजय प्राप्ति और सत्ता प्राप्ति हुई है, उनके लिए होली के अवसर पर दिवाली भी मन रही है। पंजाब में होली पर बैसाखी का माहौल है क्योंकि पूर्णरुपेण, सत्ता स्थानान्तरण है।

ज्योतिषीय दृष्टि से इस साल होली पर कई शुभ योग भी होंगे। वृद्धि योग, अमृत सिद्धि,सर्वार्थ सिद्धि तथा धु्रव योग, बुध- आदित्य योग.. लगभग सभी उत्तम संयोग विद्यमान होंगे जो व्यापार आदि में शुभ संकेत दे रहे हैं। उत्त्राफाल्गुनी नक्षत्र, कन्या राशि तथा पूर्णिमा इस होली के पर्व को और शुभ बना रहे हैं।

फाल्गुन माह , रंगों, उमंगों, उत्साह, मन की चंचलता, कामदेवों के तीरों से भरा होता है। महाशिवरात्रि के एकदम बाद, फाल्गुनी वातावरण सुरभ्य, गीत संगीत, हास परिहास, हंसी ठिठोली, हल्की फुल्की मस्ती, कुछ शरारतें, लटठ्मार आयोजन से ओतप्रेात हो जाता है। यह निष्छल प्रेम, रंगों के चरम स्पर्श की सिहरन को हृदय के भीतर तक आत्मसात् करने का त्योहार है।

एक सूत्र में बांधने का करती है काम (Holi Horoscope 2022 )

Holi Horoscope 2022

विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के लोगों को एक सूत्र में बांधने तथा राष्ट्रीय भावना जागृत करने की दृष्टि से हमारे देश में यह पर्व आरंभ किया गया था ताकि सभी वर्गों, समुदायों के लोग विविध रंगों और उत्साह में रंग कर सारे गिले शिकवे भूल जाएं और आने वाले नए वर्ष का स्वागत करें। प्रकृति भी अपने पूर्ण यौवन पर होती है। फाल्गुन का मास नवजीवन का संदेश देता है। यह उत्सव वसंतागमन तथा अन्न समृद्धि का मेघदूत है। जहां गुझिया की मिठास है, वहीं रंगों की बौछारों से तन मन भी खिल उठते हैं। जहां शुद्ध प्रेम व स्नेह के प्रतीक, कृष्ण की रास का अवसर है वहीं होलिका दहन, अच्छाई की विजय का भी परिचायक भी है।

सामूहिक गानों ,रासरंग, उन्मुक्त वातावरण का एक राष्ट्रीय, धार्मिक व सांस्कृतिक त्योहार है। इस त्योहार पर न चैत्र सी गर्मी है, न पौष की ठिठुरन, न आषाढ़ का भीगापन, न सावन का गीलापन …..बस वसंत की विदाई और मदमाता मौसम है। हमारे देश में यह सद््भावना का पर्व है जिसमें वर्ष भर का वैमनस्य, विरोध, वर्गीकरण आदि गुलाल के बादलों से छंट जाता है जिसे शालीनता से मनाया जाना चाहिए न कि अभद्रता से ।

प्राचीन काल में होली (Holi Horoscope 2022)

Holi Horoscope 2022

हिरण्यकश्यप जैसे राक्षस के यहां, प्रहलाद जैसे भक्तपुत्र का जन्म हुआ।अपने ही पुत्र को पिता ने जलाने का प्रयास किया। हिरण्यकष्यप की बहन होलिका को वरदान था कि अग्नि उसे जला नहीं सकती।इसलिए प्रहलाद को उसकी गोद में बिठाया गया। परंतु सद्वृति वाला ईश्वरनिष्ठ बालक अपनी बुआ की गोद से हंसता खेलता बाहर आ गया और होलिका भस्म हो गई। तभी से प्रतीकात्मक रुप से इस संस्कृति को उदाहरण के तौर पर कायम रखा गया है और उत्सव से एक रात्रि पूर्व, होलिका दहन की परंपरा पूरी श्रद्धा व धार्मिक हर्षोल्लास से मनाई जाती है। (Holi Horoscope 2022)

भविष्य पुराण में नारद जी युधिष्ठर से फाल्गुन पूर्णिमा के दिन सब लोगों को अभयदान देने की बात करते हैं ताकि सारी प्रजा उल्लासपूर्वक यह पर्व मनाए।।जैमिनी सूत्र में होलिकाधिकरण प्रकरण, इस पर्व की प्राचीनता दर्शाता है। विन्ध्य प्रदेश में 300 ईसवी पूर्व का एक शिलालेख पूर्णिमा की रात्रि मनाए जाने वाले उत्सव का उल्लेख है। वात्सयायन के कामसूत्र में होलाक नाम से इस उत्सव का वर्णन किया है। सातवीं शती के रत्नावली नाटिका में महाराजा हर्ष ने होली का ज़िक्र किया है। ग्यारवीं शताब्दी में मुस्लिम पर्यटक अल्बरुली ने अपने इतिहास में भारत की होली का विशेष उल्लेख किया है।

होली के रंग किस राशि के संग ? (Lucky Colour For All Raashis)

Holi Horoscope 2022

होली आपसी मतभेद मिटाकर गले मिलने का सुअवसर है। परंतु कई बार खुशी का मौका गमी में बदल जाता है।प्रेम का प्रवाह नफरत में परिवर्तित हो जाता है। मानव शरीर पर रंगों का वैज्ञानिक और ज्योतिषीय प्रभाव दोनों ही पड़ता है। यह इंसान की मनोवृति प्रभावित करता है। अनुकूल रंग मूड को बढ़िया बना सकता हैं। वहीं गलत रंग आपको आपस में भिड़ा सकता है। अतः गलत रंगों से बचना चाहिए। आप यदि अपनी चंद्र राशि के अनुसार रंग लगाएं या कपड़े पहनें और खास रंग से बचें तो होली का उत्सव और रंगीन हो जाएगा।

  • मेष व बृश्चिक: आप लाल, केसरिया व गुलाबी गुलाल का टीका लगाएं व लगवाएं और काले व नीले रंगों से बचें ।
  • बृष व तुलाः आपको सफेद, सिल्वर, भूरे, मटमैले रंगों से होली क्रीड़ा भाएगी । हरे रंगों से बचें।
  • मिथुन व कन्या: हरा रंग आपके मनोकूल रहेगा। लाल ,संतरी रंगों से बचें।
  • कर्कः पानी के रंगों से इस होली पर बचें। आस्मानी या चंदन का तिलक करें या करवाएं। काले नीले रंगों से परहेज रखें।
  • सिंहः पीला ,नारंगी और गोल्डन रंगों का उपयोग करें। काला,ग्रे, सलेटी व नीला रंग आपकी मनोवृति खराब कर सकते हैं। (Holi Horoscope 2022 )
  • धनु व मीनः राशि वालों के लिए पीला लाल नारंगी रंग फिज़ा को और रंगीन बनाएगा। काला रंग न लगाएं न लगवाएं।
  • मकर व कुंभः आप चाहे काला , नीला ,ग्रे रंग जितना मर्जी लगाएं या लगवाएं, मस्ती रहेगी पर लाल ,गुलाबी गुलाल से बचें।

सिंथेटिक रंगों की बजाए प्राकृतिक रंगों का करें प्रयोग

सूखे या गीले रंगों में प्राकृतिक वस्तुओं और फूलों का प्रयोग किया जा सकता है। भगवान कृष्ण होली पर टेसू के फूलों का प्रयोग करते थे । लाल रंग पवित्रता, हरा प्रकृति, नीला शांति, पीला शुद्धता, गुलाबी उल्लास तथा काला क्रूरता का आभास देता है। मेंहदी, पालक, पुदीना पीस कर छान लें और प्राकृतिक हरा रंग तैयार है। टेसू, पलाश, गुलमोहर के फूलों से लाल रंग बनाएं। हल्दी तथा गेंदें के फूल आपको पीला रंग देंगे।

अमलतास, अनार के छिल्कों, चुकंदर गहरा गुलाबी रंग देगा। कचनार से गुलाबी रंग मिलेगा। थोड़ा सा केसर बहुत सा नारंगी रंग बना देता है। चाय या काफी का प्रयोग भी आप ब्राउन रंग के लिए कर सकते हैं। सूखे रंगों के लिए आप, लाल, पीला व सफेद चंदन मुल्तानी मिटटी या मैदे में मिलाकर प्राकृतिक गुलाल बना सकते हैं।यह त्वचा के लिए गुणकारी भी रहेगा।

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