India News ( इंडिया न्यूज ) Haryana Politics: आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने पार्टी कार्यालय में प्रेसवार्ता कर हरियाणा में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर खट्टर सरकार को घेरा। उनके साथ मेडिकल विंग की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सारिका वर्मा और प्रदेश प्रवक्ता निवान शर्मा मौजूद रहे। डॉ. सुशील गुप्ता ने खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण हरियाणा के हालात दिन प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। हरियाणा में स्वास्थ्य व्यवस्था पर खट्टर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। हरियाणा में भाजपा सरकार पूरे तरह से विफल हो चुकी है। उन्होंने खट्टर सरकार से डॉक्टर्स के खाली पड़े 50% से ज्यादा पदों को भरने, अस्पतालों में मशीनों के प्रबंध और अस्पतालों के जर्जर हो चुके भवनों को ठीक करवाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के अपने क्षेत्र में सरकारी अस्पताल की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। एक महिला ने सरकारी अस्पताल की लापरवाही के चलते अस्पताल के गेट के बाहर ही सब्जी की रेहड़ी पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। महिला का पति बार-बार डॉक्टरों से मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन डॉक्टरों ने कोई ध्यान ही नहीं दिया और कोई स्ट्रेचर तक लाने को तैयार नहीं हुआ। ये हाल स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के गृह जिले का है, सोचो पूरे हरियाणा का क्या हाल होगा। कुछ दिनों पहले दादरी में बिजली नहीं होने से मोबाइल की टॉर्च में महिला की डिलीवरी करनी पड़ी थी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बेहतर सुविधाएं नहीं है। हरियाणा के छह मेडिकल कॉलेजों में से केवल रोहतक में न्यूरोसर्जरी और सुपर स्पेशलिटी केयर उपलब्ध है। लेकिन वहां पर भी मरीजों को रेफर किया जाता है, इलाज उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम जैसे शहर में 12 साल से कम आयु वाले बच्चों के लिए बाल चिकित्सा और आईसीयू नहीं है। यदि गुरुग्राम जैसे शहर में ये हालात हैं तो बाक़ी हरियाणा में क्या हालत होंगे।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में सही व्यवस्थाएं न होने के कारण नर्सें भी हड़ताल पर रही और डॉक्टर भी सड़कों पर उतर चुके हैं। इसके अलावा ज्यादातर समय स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी हड़ताल पर ही रहते हैं। स्वास्थ्य मंत्री मुख्यमंत्री से खुश नहीं है और डॉक्टर सरकार से खुश नहीं हैं। बड़े बड़े अस्पतालों में भी मशीनें नहीं हैं। सरकारी अस्पतालों की हालत इतनी बुरी है कि एक बेड पर तीन-तीन मरीजों का इलाज हो रहा है। इसके अलावा अस्पतालों में न बिजली, न डॉक्टर और न दवाइयां हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से ठप पड़ा है कोई भी काम नहीं हो रहा। स्वास्थ्य विभाग की लगभग 850 से ज्यादा फाइलें धूल फांक रही हैं और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का पूरा ध्यान केवल अपनी कुर्सी बचाने में लगा रहता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 2015 में एम्स की घोषणा कर कर गए थे। लेकिन भाजपा वाले आज तक उसका शिलान्यास तक नहीं करवा पाए। जबकि मुख्यमंत्री खट्टर तो केवल घोषणा मंत्री बनकर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने हरियाणा में 500 जन औषधि केंद्र खोलने की बात कही थी, लेकिन खोले केवल 93, उनमें से भी 50 बंद हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इस चौपट स्वास्थ्य व्यवस्था और अस्पतालों के बदहाल हालात की वजह से लोगों को मजबूरन प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ता है, जहां का इलाज बहुत महंगा है। उन्होंने कहा कि बड़े प्राइवेट अस्पताल सीजीएचएस पैनल में इलाज करने से बचते हैं। अपॉइंटमेंट के लिए लटका देते हैं, क्योंकि सरकार से कम पैसे मिलते हैं और लंबे समय के बाद मिलते हैं। इसके अलावा आयुष्मान कार्ड पर इलाज के रेट सीजीएचएस से भी 20% कम है और सरकार अस्पतालों को पैसा देती नहीं, इसलिए प्राइवेट अस्पताल सीजीएचएस और आयुष्मान कार्ड पर इलाज करने से बचते हैं।
उन्होंने कहा कि जहां हरियाणा में सरकारी अस्पताल सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ पंजाब सरकार ने अपना हेल्थ का बजट 400% बढ़ा दिया। पंजाब के गांव-गांव में विश्व स्तरीय मोहल्ला क्लीनिक खुल रहे हैं जहां हर तरह की बीमारी का इलाज मुफ्त हो रहा है। दिल्ली और पंजाब में हुई स्वास्थ्य क्रांति से हरियाणा की जनता बहुत प्रभावित है। अब जनता हरियाणा में भी अरविंद केजरीवाल का हेल्थ मॉडल लाना चाहती है। 2024 में हरियाणा की जनता आम आदमी पार्टी को सत्ता में लाना चाहती है।
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