India News ( इंडिया न्यूज ) Haryana Politics: आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता ने रविवार को वर्ष के अंतिम दिन खट्टर सरकार की वर्ष भर की नाकामियों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मनोहर लाल खट्टर सरकार 2023 में हर मोर्चे पर विफल रही। प्रदेश के युवा यहां वर्ष के अंत तक रोजगार के लिए भटकते रहे। वहीं प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं भी खस्ता रही। किसानों की आय दुगनी की बजाय कर्जा तिगुना हो गया। महिलाओं के प्रति अपराधों ने पिछले सालों के रिकॉर्ड तोड दिए। वहीं बिजली बिल के आंकड़ों ने आम जनता की कमर तोड़ दी। स्कूलों और कॉलेजों में हजारों शिक्षकों के पद खाली रहे। गांव के मुखियाओं की शक्ति छीन ली गई। नगर निगम चुनावों के लिए खट्टर सरकार बैकफुट पर रही। सफाई कर्मचारियों समेत विभिन्न वर्गों की कोई सुनवाई नहीं हुई। नूंह हिंसा से प्रदेश का सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश हुई, वहीं बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे के लिए किसान वर्ष भर इंतजार में रहे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में 1.82 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं। इसके बावजूद प्रदेश के युवा दर दर भटकने को मजबूर हैं। युवाओं को प्रदेश में ही नौकरी देने की बजाय सीएम खट्टर 10,000 युवाओं को इजरायल भेज कर युद्ध की आग में झोंकना चाहते हैं। हरियाणा सरकार युवाओं को रोजगार देने में नाकाम साबित हुई है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि “ग्रुप डी” की भर्ती का आठ महीने के बाद भी रिजल्ट नहीं निकला। एचपीएससी और एचएसएससी की परिक्षाएं विवादों में रहीं। एडीओ, एचसीएस, ग्रुप डी, ग्रुप सी, पीजीटी परिक्षाएं भी विवादों में रही। सीएम खट्टर के राज में 30 से ज्यादा पेपर लीक हो चुके हैं। खट्टर सरकार बिना विवादों के एक भी परीक्षा आयोजित नहीं कर सकी। पूरे साल ग्रुप सी के 32 हजार पदों की लिस्ट भी नहीं लगी। जिसका इंतजार प्रदेश के युवा आज तक कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के पीजीआई और सरकारी अस्पतालों में 50 प्रतिशत से ज्यादा चिकित्सकों के पद खाली पड़े हैं। प्रदेश की जनता सुविधाओं के लिए तरस रही है। अस्पतालों की बिल्डिंग टूटी पड़ी हैं, अस्पतालों में न पीने का पानी है और न बिजली है। इसके अलावा प्रदेश के अस्पतालों में न दवाइयां, न मशीनें और न डॉक्टर हैं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों के साथ साथ प्रदेश के सरकारी स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर की हालत भी खस्ता है। स्कूलों में कुल 70 हजार शिक्षकों के पद खाली है। प्रदेश के कॉलेजों में 4700 से ज्यादा टीचिंग स्टाफ के पद खाली हैं। हरियाणा के साढ़े 1500 स्कूलों में शौचालय नहीं हैं, इनमें से 500 स्कूल लड़कियों के हैं। 500 से ज्यादा स्कूलों में बिजली कनेक्शन और 560 से ज्यादा स्कूलों में पीने का पानी नहीं है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल महिलाओं पर बढ़ते अपराध ने भी पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। जिसको लेकर खट्टर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। प्रदेश में पूरे साल महिलाओं के प्रति अपराध दर में बढ़ोतरी हुई है। पानीपत में महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना, फरीदाबाद में 2 वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म की घटना, जींद की छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटना ने पूरे प्रदेश को शर्मसार किया। प्रदेश में प्रतिदिन यौन शोषण के 9 मामले सामने आ रहे। इसके अलावा भाजपा सरकार हरियाणा में बढ़ते नशे को रोकने में विफल रही है। पिछले दिनों ही यमुनानगर में जहरीली शराब पीने से 25 लोगों की जानें गई। इसके अलावा न जाने कितने मामले ऐसे हैं जो रिकॉर्ड में ही नहीं है। वहीं 2023 ने हरियाणा के युवाओं की विदेशों की ओर पलायन करने में भी बढ़ोतरी हुई है। हरियाणा में पूरे गांव खाली होते जा रहे हैं, कई गांव तो ऐसे हैं जहां केवल बुजुर्ग ही बचे हैं। हर साल 3500 से ज्यादा युवा तो केवल सीएम सिटी करनाल से पलायन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में लोग महंगे बिजली बिलों से त्रस्त हैं। नरवाना के धमतान साहिब गांव में 45 साल के एक व्यक्ति सुरेश कुमार को बिजली कर्मियों के झूठे केस से प्रताड़ित होकर आत्महत्या करनी पड़ी। एक विधवा महिला का एक लाख 40 हजार रुपए बिजली बिल आ जाता है। सरकार ने जनता पर नॉन एनर्जी चार्ज, सर चार्ज थोप रखे हैं। इसके बावजूद हरियाणा बिजली वितरण निगम को 15 हजार 576 करोड़ का घाटा हुआ।
भाजपा सरकार ने खिलाड़ियों की भी दुर्दशा कर दी है। पहले खिलाड़ियों को जंतर मंतर पर संघर्ष करना पड़ा। जहां नई संसद के उद्घाटन के दिन तिरंगे के साथ साथ खिलाड़ियों को पैरों तले कुचला गया। भाजपा सरकार में जब खिलाड़ियों को न्याय मिलने की उम्मीद नहीं रही तो साक्षी मलिक को कुश्ती त्यागनी पड़ी, विनेश फौगाट समेत तमाम पहलवानों को भी अपने अवॉर्ड लौटाने पड़े जो पूरे देश के लिए दुर्भाग्य की बात है। वहीं मंत्री संदीप सिंह पर जूनियर महिला कोच से यौन शोषण के आरोप होने के बावजूद पूरे साल मुख्यमंत्री खट्टर की मेहरबानी रही। आज तक जूनियर महिला कोच न्याय के लिए भटक रही है।
उन्होंने कहा कि किसान लगातार एमएसपी की मांगों को लेकर संघर्षरत रहे। बाढ़ से किसानों की फसलें तबाह हो गई, लेकिन खट्टर सरकार ने किसानों को कोई मुआवजा नहीं दिया। बीमा क्लेम को लेकर भी किसान आंदोलन करने को मजबूर हुए। पूरे प्रदेश के किसानों पर कर्ज तिगुना हो गया। जहां किसान यूरिया और डीएपी के लिए भटकते रहे। वहीं पूरे प्रदेश के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर रहे, लेकिन सफाई कर्मचारियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं है। इसके अलावा आगनवाड़ी, आशा वर्कर, पटवारी, क्लर्कों और सरपंचों के साथ कई कर्मचारी वर्गों ने खट्टर सरकार की नीतियों के खिलाफ हड़ताल की। खट्टर सरकार ने पूरे हरियाणा को हड़ताल प्रदेश बना कर रखा।
उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार से प्रदेश का हर वर्ग परेशान रहा। खट्टर सरकार ने एक लाख लोगों की बुढ़ापा पेंशन काटने का काम किया। पीपीपी के बहाने पूरे साल जनता प्रॉपर्टी आईडी, पेंशन और आय संबंधी त्रुटियां ठीक करवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटती रही। कई जिलों में लोगों के राशन कार्ड ही काट दिए गए। उन्होंने कहा कि एनएसएसओ की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हरियाणा के गांव में 41 प्रतिशत लोग चूल्हे पर खाना बनाते हैं। जोकि भाजपा सरकार की उज्ज्वला योजना की पोल खोलती है। इसके चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं कि भाजपा सरकार में पिछले 9 साल में प्रदेश में गरीबों की संख्या 42 लाख बढ़ी है।
एनजीटी की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा राज्य के कुल 22 जिलों में से 17 के निवासी भूमिगत जल में धीमा जहर पीने के लिए मजबूर हैं, जिसमें पीने के पानी में फ्लोराइड की उच्च सांद्रता है। भू-जल में आर्सेनिक 0.05 से .50 मिलीग्राम और फ्लोराइड की मात्रा दो से पांच मिलीग्राम तक है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मापदंड के मुताबिक पेयजल में आर्सेनिक की 0.01 मिलीग्राम प्रति लीटर और फ्लोराइड की मात्रा 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। दूषित पानी के कारण पिछले 5 साल में प्रदेश के 14 लोगों की मौत हुई।
उन्होंने कहा कि नगर निगम के चुनावों को लेकर पूरे साल बीजेपी सरकार भागती रही। गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद समेत कई जिलों में नगर निगम के चुनाव नहीं करवाए गए। सरपंचों के चुनाव देरी से करवाए और सरपंचों के अधिकार छीनने का काम किया। क्योंकि भाजपा को पता कि प्रदेश की जनता का भाजपा सरकार से मोह भंग हो चुका है, अब भाजपा की हार निश्चित है। खट्टर सरकार ने नूंह हिंसा से प्रदेश का सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का काम किया, लेकिन अब प्रदेश की जनता भाजपा सरकार की मंशा जान चुकी है। जनता 2024 के चुनाव में अपने वोट की चोट से भाजपा को पटखनी देगी और प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाएगी।
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