India News (इंडिया न्यूज़), Kullu Dussehra: अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के छठे दिन मोहल्ला (महामिलन) मनाया गया। मोहल्ला के दिन जिलाभर के 300 से अधिक देवी-देवताओं ने भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी भरी। देवी-देवताओं ने राजा की चानणी के पास देव परंपरा का निर्वहन किया। मोहल्ला के लिए सभी देवता अस्थायी शिविरों से बाहर निकले। पहले दिन रथयात्रा के बाद देवी-देवता अपने अस्थायी शिविरों में ही विराजमान थे। मोहल्ला में देवी-देवताओं का भव्य देवमिलन भी हुआ। ढोल-नगाड़े, नरसिंगे, करनाल आदि वाद्यंयत्रों की स्वरलहरियों से पूरी घाटी गूंज उठी।
इससे पहले दोपहर 12:00 बजे से देवता अस्थायी शिविरों से निकलकर भगवान रघुनाथ के अस्थायी शिविर के आना शुरू हो गए। देवता पहले रघुनाथ के शिविर में गए, इसके बाद राजा की चानणी के पास गए। दोपहर 2:00 बजे देवताओं का जमावड़ा बढ़ने लगा। दोपहर बाद करीब 3:00 बजे ढालपुर में देवताओं, देवलु और लोगों की भीड़ के चलते तिल धरने की जगह नहीं तक बची। इस बीच देवी-देवताओं का आपस में भव्य देवमिलन हुआ।
कई देवता अस्थायी शिविर में मोहल्ला की रस्म पूरी करने के बाद दूसरे देवताओं के शिविरों में भी देवमिलन के लिए पहुंचे। दशहरा में आए देवताओं के मोहल्ला के दिन हाजिरी अहम होती है। लंका दहन के दिन सोमवार को आनी, निरमंड, बंजार के कई देवता दोपहर 12:00 बजे के पहले ही अपने देवालयों की ओर प्रस्थान कर जाएंगे। लंका दहन में अधिकतर खराहल, ऊझी घाटी, महाराजा सहित अन्य क्षेत्रों के देवता ही शामिल होंगे।
जिला देवी-देवता कारदार संघ के अध्यक्ष दोत राम ठाकुर ने कहा कि दशहरा के छठे दिन मोहल्ला की परंपरा को निभाया गया। मोहल्ला में देवी-देवताओं का भव्य देवमिलन हुआ। सोमवार को दशहरा उत्सव के अंतिम दिन जिलाभर से आए हुए देवी-देवता अपने-अपने देवालयों की ओर रवाना होंगे।
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