India News HP (इंडिया न्यूज़), Mumps Outbreak: कोरोना महामारी से पूरी दुनिया अभी उबरी ही थी कि अब मंप्स या गलसुआ नामक एक और वायरल बीमारी ने सिर उठाना शुरू कर दिया है। यह बीमारी खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
कैसे फैलता है ये वायरस
वायरल इंफेक्शन के कारण होने वाला गलसुआ आमतौर पर 2-12 साल के बच्चों को अधिक प्रभावित करता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने से यह वायरस फैलता है। स्कूल और पार्क जैसी जगहों पर इसके फैलने का खतरा ज्यादा रहता है।
क्या है इसके लक्षण (Mumps Outbreak)
गलसुआ के लक्षणों में गाल गुब्बारे की तरह फूलना और निगलने में परेशानी शामिल है। यह एक तरह का पैरामाइक्सोवायरस (RNA) होता है, जो मुख्य रूप से लार ग्रंथियों को प्रभावित करता है।
घातक साबित हो सकता है
हालांकि आमतौर पर गलसुआ गंभीर नहीं माना जाता, लेकिन कई मामलों में यह खतरनाक साबित हुआ है। पुरुषों में टेस्टिकल्स में सूजन और दोनों लिंगों में प्रजनन क्षमता पर असर देखने को मिला है। सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को है, क्योंकि गर्भ में पल रहे बच्चे के दिमाग, किडनी और हृदय जैसे अंगों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है।
वैक्सीनेशन है ज़रूरी
गलसुआ से बचाव का सबसे अच्छा तरीका वैक्सीनेशन है। साथ ही साफ-सफाई, मास्क पहनना, भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना और शारीरिक दूरी बनाए रखना भी जरूरी है। संक्रमित व्यक्ति से दूर रहना और उसके इस्तेमाल किए हुए सामान को साझा न करना भी महत्वपूर्ण है।
इम्यूनिटी रखें मजबूत
इम्यूनिटी मजबूत रखने के लिए संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और शारीरिक गतिविधियां भी अनिवार्य हैं। खट्टी और कठिन चबाने वाली चीजों से बचना चाहिए, जबकि गर्म नमकीन पानी से गरारे और तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
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