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Himachal Politics: कांग्रेस के बागी विधायक के पिता पर FIR, निर्दलीय विधायक पर भी लगाए आरोप

• LAST UPDATED : March 10, 2024

India News Himachal (इंडिया न्यूज़), Himachal Politics: हिमाचल प्रदेश में चल रही सियासी उथल-पुथल के बीच सरकार ने बागी विधायकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ऐसे में अब बागियों विधायकों की मुश्किलें बढ़ गई है। इसी कड़ी में शिमला पुलिस ने कांग्रेस के बागी विधायक चैतन्य शर्मा के पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा पर FIR दर्ज की जा चुकी है।

कांग्रेस के विधायकों ने की शिकायत 

इन दोनों के विरूद्ध शिमला के बालूगंज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ है। FIR में इनके अलावा कुछ अज्ञात लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं। आरोपियों के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराएं लगाई गई हैं। कांग्रेस के दो विधायकों संजय अवस्थी और भुवनेश्व गौड़ की शिकायत पर पुलिस ने यह एक्शन लिया है।

लगाए ये आरोप

कांग्रेस के दो विधायकों द्वारा दर्ज FIR के मुताबिक बागी विधायक के पिता और निर्दलीय विधायक पर राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद-फरोख्त करने, रिश्वत व पैसों के लेन-देन का आरोप लगा है। इन पर राज्यभा चुनाव को गलत तरीके से प्रभावित करने का भी आरोप है। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आरोपितों ने सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र रचा। उन्होंने इनके बैंक खातों की जांच करवाने की भी मांग की है। गगरेट विधानसभा क्षेत्र के निष्कासित विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा उतराखण्ड में मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

बागी विधायकों पर बढ़ सकती है मुश्किलें

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक FIR में 171 ए और 171सी, 120 बी और भ्र्ष्टाचार निवारण अधिनियम के सेक्शन 7 व 8 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। भ्र्ष्टाचार निवारण अधिनियम लगने से नामजद लोगों की परेशानी बढ़ेगी, क्योंकि पीसी एक्ट में जमानत का प्रावधान नहीं है। माना जा रहा है कि जांच आगे बढ़ने पर FIR में क्रॉस वोटिंग करने वाले अन्य विधायकों की भी बढ़ सकती है।

कांग्रेस के विधायकों ने की थी क्रॉस वोटिंग

हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने उन बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया, जिन्होंने राज्य की एकमात्र सीट के लिए हाल ही में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी। 27 फरवरी को कांंग्रेस के 6 बागी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। क्रॉस वोटिंग के परिणामस्वरूप कांग्रेस के बहुमत में होने के बावजूद, राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट पर भाजपा की चौंकाने वाली जीत हुई।

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