India News (इंडिया न्यूज़) Makar Sankranti: मकर संक्रांति भारत के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। ये सूर्य देव को समर्पित है और सर्दियों के अंत का प्रतीक है। इसे फसल उत्सव के रूप में भी जाना जाता है।
क्यों मनाते हैं ये त्योहार
मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि (मकर नक्षत्र या राशि चक्र) में संक्रमण का प्रतीक है। यह लंबे दिनों की शुरुआत का संकेत देता है। मकर संक्रांति से सूर्य उत्तर की ओर बढ़ता है, यही कारण है कि इस अवधि को उत्तरायण के रूप में जाना जाता है और इसे बहुत शुभ माना जाता है।
क्या है इसका का महत्व
इस त्यौहार का धार्मिक और मौसमी दोनों महत्व है। प्राचीन काल में, सूर्य के बदलाव और उसके परिणामस्वरूप लंबे दिनों तक मौसम के बदलाव का जश्न मनाया जाता था। इसे आशा और सकारात्मकता का संकेत माना गया है।
क्या है इसका इतिहास
मकर संक्रांति से एक पौराणिक कथा भी जुड़ी हुई है। देश के कुछ हिस्सों में यह माना जाता है कि संक्रांति नाम के देवता ने शंकरासुर का वध किया था। उसके एक दिन बाद, देवता ने किंकरासुर नामक एक और राक्षस को मार डाला, यही कारण है कि उस दिन को किंक्रांत के नाम से भी जाना जाता है।
कब मनाया जाएगा मकर संक्रांति?
इस साल मकर संक्रांति लोहड़ी के एक दिन बाद 15 जनवरी को है। द्रिक पंचांग के अनुसार, संक्रांति का समय 15 जनवरी को सुबह 2:45 बजे है।
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