India News HP (इंडिया न्यूज), Astro News:आने वाले साढ़े छह महीनों में विवाह समारोह कराना संभव नहीं होगा। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, शुक्र और गुरु ग्रहों की अस्त अवस्था के कारण इस अवधि में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त बेहद कम मिलेंगे।
विवाह सहित मुंडन व उपनयन संस्कार वर्जित
सनातन परंपरा में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति को महत्वपूर्ण माना जाता है। शुक्र और गुरु ग्रहों की अनुकूल स्थिति विवाह के लिए आवश्यक मानी जाती है। वर्तमान में, शुक्र 23 अप्रैल से 29 जून तक अस्त रहेगा, जबकि गुरु 3 मई से 3 जून तक अस्त अवस्था में होगा।
इन दिनों यह कार्य कर सकते है
इस प्रकार, 24 अप्रैल से 29 जून तक विवाह समारोह, मुंडन और उपनयन संस्कार वर्जित रहेंगे। हालांकि, गृहप्रवेश, संपत्ति खरीद और अन्य शुभ कार्य निर्बाध रूप से होते रहेंगे।
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जुलाई में भी स्थिति बेहतर नहीं होगी। केवल 3 से 15 जुलाई तक ही विवाह के लिए शुभ मुहूर्त उपलब्ध होंगे। 16 जुलाई को देवशयनी एकादशी के कारण चातुर्मास आरंभ हो जाएगा, जिससे 12 नवंबर तक विवाह पर पुनः प्रतिबंध लग जाएगा।
शुभ मुहूर्त की कमी (Astro News)
इस प्रकार, आगामी महीनों में विवाह समारोह आयोजित करना चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि शुभ मुहूर्तों की कमी रहेगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, शुक्र और गुरु की अनुकूल स्थिति विवाह के लिए आवश्यक मानी जाती है। उनकी अस्त अवस्था के कारण ही इतने लंबे समय तक विवाह पर प्रतिबंध लगा है।
विवाह इच्छुक जोड़ों को इस अवधि के दौरान शुभ मुहूर्तों की तलाश करनी होगी या फिर इंतजार करना होगा। सनातन परंपराओं के अनुसार चलने वाले लोगों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण होगा।
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