India News Himachal (इंडिया न्यूज़), HP News: डॉक्टरों को अक्सर भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है, और यह कहावत हिमाचल प्रदेश के टांडा में सच साबित हुई, जहां डॉक्टरों ने एक अद्भुत उपलब्धि हासिल करते हुए पहली बार ट्रिपल वाल्व हार्ट सर्जरी सफलतापूर्वक संपन्न की। कॉर्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग की टीम ने चंबा के सिहुंता गांव की 55 वर्षीय कांता कुमारी को नया जीवनदान दिया है।
कांता कुमारी वातग्रस्त हृदय रोग (रूमेटिक हार्ट डिसीज) से पीड़ित थीं, जिसके कारण उनके दिल के तीन वाल्व खराब हो गए थे और हृदयघात का खतरा बढ़ गया था। उन्होंने पहले इस बीमारी के इलाज के लिए आईजीएमसी शिमला और पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज कराने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। आखिरकार, थक-हारकर कांता कुमारी टांडा मेडिकल कॉलेज के सीटीवीएस विभाग में जांच के लिए पहुंचीं। विशेषज्ञों ने उनकी गहन जांच की और सर्जरी करने का निर्णय लिया।
सीटीवीएस विशेषज्ञ डॉ. देशबंधु और डॉ. विकास पंवर ने बताया कि कांता कुमारी के दो हृदय वाल्व बदले गए, जबकि तीसरे वाल्व में रिंग डाला गया, यानी उसकी मरम्मत की गई। यह सर्जरी 20 अप्रैल को की गई थी। हृदय रोग विभाग के आईसीयू में भर्ती महिला की हालत अब स्थिर है। वह खाना भी खा रही हैं और अपने परिवार के सदस्यों से बात भी कर रही हैं।
डॉ. विकास पंवर ने बताया कि यह एक जटिल सर्जरी थी जिसमें छह से सात घंटे का समय लगा। हृदय का एक वाल्व बदलने की सर्जरी सीटीवीएस विभाग में पिछले साल कई बार की जा चुकी थी, लेकिन टांडा मेडिकल कॉलेज में यह पहली बार था जब ट्रिपल वाल्व हार्ट सर्जरी सफलतापूर्वक की गई।
डॉ. शर्मा ने आगे कहा, “सीटीवीएस विभाग के विशेषज्ञों ने हिमाचल प्रदेश के हृदय रोगियों के इलाज की संभावनाओं को और बढ़ा दिया है। निश्चित रूप से इससे हिमाचल प्रदेश के लोगों को लाभ मिलेगा।”
ये भी पढ़ें-