India News Himachal (इंडिया न्यूज़), IIT Mandi: भारत और दक्षिण कोरिया ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग को मजबूत करने पर सहमति जताई है। इसके अलावा, अनुसंधान, शिक्षा और नवाचार में भी दोनों देशों की साझेदारी बढ़ेगी।
बैठक में प्रतिनिधिमंडल, अन्य अतिथि शामिल
यह निर्णय भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी में कोरियाई दूतावास के एक प्रतिनिधिमंडल और अन्य अतिथियों के साथ भारत में कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक की बैठक में लिया गया।
बैठक में आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा ने कोरिया में अग्रणी विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संगठनों के साथ मजबूत सहयोगात्मक संबंध स्थापित करने के महत्व पर जोर दिया।
भारत-कोरिया 50 वर्ष और उससे आगे
राजदूत चांग ने “भारत-कोरिया 50 वर्ष और उससे आगे” शीर्षक पर एक संगोष्ठी में भी मुख्य भाषण दिया।
उन्होंने भारत और कोरिया के बीच ऐतिहासिक संबंधों और द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने भारत-कोरिया साझेदारी के लिए भविष्य की संभावनाओं को भी रेखांकित किया।
भारत को कैसे होगा फायदा
इसमें उन्नत सामग्री अनुसंधान केंद्र, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डिजाइन और निर्माण केंद्र, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स केंद्र और ड्रोन लैब शामिल हैं।
यह दौरा आईआईटी मंडी में अत्याधुनिक अनुसंधान बुनियादी ढांचे का प्रदर्शन करने का अवसर था, जिससे यह समझौता दोनों देशों के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति का मार्ग खोलेगा।यह सहयोग रिसर्च, शिक्षा और इनोवेशन में नए अवसर पैदा करेगा और दोनों देशों के लोगों के लिए लाभकारी होगा।
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