India News (इंडिया न्यूज़),Maha Shivratri: हमारे देश में हर पर्व का अलग महत्व है। हर पर्व को अनोखे अंदाज में मनाते है। वहीं अब महाशिवरात्रि आ रही है। 8 फरवरी को महाशिवरात्रि है। देशभर में इस पर्व की रोनक देखने को मिलती है। वहीं हिमाचल प्रदेश में महाशिवरात्रि अनोखे तरिके से मनाया जाता है। यहां की संस्कृति की तरह मंडी की महाशिवरात्रि का पर्व कई मायनों में खास और अनोखा है। महाशिवरात्रि पर्व के दिन देवताओं और लोगों के मिलन की झलक देखने को मिलती है। बता दें कि हिमाचल में महाशिवरात्रि के दिन मेला लगाया जाता है। जोकि महाशिवरात्रि से पहले लगाया जाता है और कुछ दिनों तक लगा रहता है। इस मेले की बहुत मान्यता हैं क्योंकि इस मेले में वो सभी देवी-देवा की झलक देखने को मिलती है जिनकी पूजा यहां पर हिमाचल के लोग करते है।
दरअसल हिमाचल के लगभग हर गांव के अपने अलग-अलग देवता है जिनकी वो अपने तौर तरिकों से पूजा करते है। इन्ही देवी देवताओं की झलक शिवरात्रि में दिखती है। जो इस पर्व को और अनोखा बनाती है। यहां के लोग महाशिवरात्रि के दिन अपने-अपने देवी-देवताओं को पालकी या पीठ पर उठाकर मंडी के पड्डल मैदान तक जाते है। यहीं नजारा इनके पर्व यानी महाशिवरात्रि की रोनक बढ़ाता है।
मंडी शहर के राज देव माधव राय की पालकी से महाशिवरात्रि पर्व की शुरूआत होती है। इसी के चलते भूतनाथ मंदिर में भगवान शिव को न्योता दिया जाता है। महोत्सव में सबसे पहले कमरुनाग देवता आते हैं। बता दें कि , इस मेले को शैव, वैष्णव और लोक देवता का संगम के नाम से भी जाना जाता है। और यह मेला अगले 7 दिन तक चलता है। इस मेले में पर्यटकों की काफी भीड़ देखने को मिलती है। 2 से 8 मार्च तक इस बार यह मेला लगेगा। 216 देवी-देवताओं को प्रशासन के जरिए निमंत्रण भेजा जाता है।
Also Read: