होम / Hearing Loss: नींद में सांस रुकने से कम हो सकती है श्रवण शक्ति, अध्ययन में बताया

Hearing Loss: नींद में सांस रुकने से कम हो सकती है श्रवण शक्ति, अध्ययन में बताया

• LAST UPDATED : October 4, 2023

India News (इंडिया न्यूज़), Hearing Loss, Himachal: नींद के दौरान अगर दस सेकंड या इससे ज्यादा समय सांस रुकती है तो इससे सुनने की क्षमता कम हो सकती है। सांस रुकने की बीमारी को ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) कहते हैं। अगर बीमारी का समय पर उपचार नहीं किया तो समस्या गंभीर बन सकती है। आईजीएमसी शिमला, मेडिकल कॉलेज टांडा और मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के विशेषज्ञों के अध्ययन में यह सामने आया है। अध्ययन आईजीएमसी शिमला के शोधार्थी रहे डॉ पंकज चौहान ने किया है। वे टांडा मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंसी कर रहे हैं। वह हेड एंड नेक सर्जरी विभाग में अध्ययनरत हैं।

58 मरीजों पर किया अध्ययन

अध्ययन में उनका सहयोग डॉ. नरेंद्र के. महिंद्रू, डॉ. माधुरी डढवाल, डॉ. रविंद्र एस. मिन्हास, डॉ. सुनील शर्मा और डॉ. त्रिलोक चंद गुलेरिया ने किया है। 58 मरीजों पर अध्ययन किया गया। पाया गया कि जिन मरीजों को यह बीमारी लंबे समय से है, उनमें सुनने की क्षमता भी कम हो रही है। इसके लिए पaल्मनरी मेडिसिन विभाग के सहयोग से पॉलीसोम्नोग्राफी की गई। मरीजों पर पूरी रात अध्ययन किया गया। नींद के दौरान के शारीरिक बदलाव पर अध्ययन किया गया। इसमें फेफड़ों, हृदय और मस्तिष्क के क्रियाकलाप के अलावा सुनने की क्षमता का परीक्षण किया गया। ऑक्सीजन का स्तर कितना नीचे जा रहा है, इस पर भी अध्ययन हुआ। कई मरीजों में तो बहुत अधिक नुकसान पाया गया।

सांस रुकने के हो सकते है कई कारण

अध्ययन में बताया गया है कि नींद के दौरान कई कारणों से सांस रुकती है। इसका सबसे बड़ा कारण मोटापा है। इसके अलावा नाक की हड्डी टेढ़ी होना, जीभ का भारी होना जैसी कई वजह से भी यह बीमारी हो जाती है। आईजीएमसी शिमला के शोधार्थी रहे डॉ. पंकज चौहान ने कहा कि अगर किसी को यह दिक्कत हो तो वे चिकित्सक से परामर्श लें। इसे पॉलीसोम्नोग्राफी और अन्य विधियों से डायग्नोज करवा लें।

यह भी पढ़े- Naina Devi: अब मां नयना देवी के होगें ऑनलाइन दर्शन और…

SHARE
ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox